9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News : रेशम उत्पादकों को रोजगार से जोड़ने की तैयारी, सरायकेला खरसावां में सिल्क समग्र योजना से ऐसे बदलेगी तस्वीर

Jharkhand News, Saraikela Kharsawan News, खरसावां (शचिंद्र कुमार दाश) : केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) समर्थित सिल्क समग्र योजना के कुल 4.75 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति मिली है. इसमें से 80 फीसदी राशि केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय रेशम बोर्ड खर्च करेगा, जबकि दस फीसदी राज्यांश व दस फीसदी लाभुक का अंशदान होगा. इसके तहत कुचाई के मरांगहातु व चक्रधरपुर के टोकलो में भी योजना ली जायेगी. इसके जरिये रेशम उत्पादन को बढ़ावा दे कर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने की योजना है. साथ ही तसर बीज उत्पादन, रेशम उत्पादकों को उन्नत कीटपालन का तकनीकी प्रशिक्षण, तसर वाणिज्यिक कीटपालन आदि को भी बढ़ावा देने की योजना है. झारखंड में तसर पालन से करीब दो लाख से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. इसमें सर्वाधिक आदिवासी समुदाय के लोग हैं.

Jharkhand News, Saraikela Kharsawan News, खरसावां (शचिंद्र कुमार दाश) : केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) समर्थित सिल्क समग्र योजना के कुल 4.75 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति मिली है. इसमें से 80 फीसदी राशि केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय रेशम बोर्ड खर्च करेगा, जबकि दस फीसदी राज्यांश व दस फीसदी लाभुक का अंशदान होगा. इसके तहत कुचाई के मरांगहातु व चक्रधरपुर के टोकलो में भी योजना ली जायेगी. इसके जरिये रेशम उत्पादन को बढ़ावा दे कर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने की योजना है. साथ ही तसर बीज उत्पादन, रेशम उत्पादकों को उन्नत कीटपालन का तकनीकी प्रशिक्षण, तसर वाणिज्यिक कीटपालन आदि को भी बढ़ावा देने की योजना है. झारखंड में तसर पालन से करीब दो लाख से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. इसमें सर्वाधिक आदिवासी समुदाय के लोग हैं.

कुचाई के मरांगहातु गांव में 1.88 करोड़ की लागत से योजना ली गयी है. इसके तहत भवन व अन्य कार्य होंगे. कुचाई के मरांगहातु में फिलहाल तसर कीट पालन का कार्य होता है. यहां आने वाले तसर कीट पालन से लेकर सुत कताई व कपड़ों की बुनाई तक का कार्य शुरु करने की योजना है. 1.88 करोड़ में से केंद्रीय रेशम बोर्ड 1.5 करोड़ खर्च करेगा, जबकि राज्यांश व लाभुक से 18.8-18.8 लाख रुपये खर्च होंगे. इसके अलावे ओर राशि खर्च कर उपकरण व उपस्कर लगाये जायेंगे. मालूम हो कि पूरे कोल्हान में सबसे अधिक तसर कीट पालन व कोकून का उत्पादन कुचाई क्षेत्र में होता है. यहां हर वर्ष औसतन चार से पांच करोड़ तसर कोसा का उत्पादन होता है. करीब 10 हजार से अधिक परिवार प्री व पोष्ट कोकून से जुड़ कर स्वरोजगार कर रहे हैं. इस योजना के शुरु होने से किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड के सरायकेला में पीएफ ऑफिस में छापामारी, एसीबी ने रिश्वत लेते हेड क्लर्क को किया अरेस्ट

चक्रधरपुर के टोकलों में भी सिल्क समग्र योजना के तहत 70 लाख रुपये खर्च होंगे. इस राशि से कोकून उत्पादकों के लिये बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास होगा. इसमें केंद्रीय रेशम बोर्ड 56 लाख खर्च करेगा, जबकि राज्यांश व लाभुक से 7-7 लाख रुपये खर्च होंगे. बताया जा रहा है कि इस योजना पर चालू वित्तीय वर्ष में ही कार्य शुरु हो जायेगा. योजना का कार्यांवयन केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) के दिशा निर्देश के अनुरुप होगा. लाभुकों के चयन में पंचायत/पंचायत समिति की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.

Also Read: Jharkhand News : ‘स्वर्णरेखा’ से बदलेगा घरों का जायका, आदिवासी महिलाओं को मसाले से मिलेगा रोजगार, पढ़िए NABARD की क्या है तैयारी

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें