रांची : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला चतरा में 22 हाथियों का झुंड 6 दिन से गांवों में तबाही मचा रहा था. ग्रामीणों और वन विभाग के प्रयास से इस झुंड को अलग-थलग करने में सफलता मिल गयी, लेकिन रहस्यमयी परिस्थितियों में एक हाथी की मौत हो गयी. शनिवार को यह हाथी मृत पाया गया.
हाथियों का इतना बड़ा झुंड पिपरवार थाना क्षेत्र में विचरण कर रहा था. 6 दिन में इसने ग्रामीण इलाकों में काफी तबाही मचायी. रांची जिला के मांडर और चतरा जिला के टंडवा रेंज के वन विभाग की टीम ने शुक्रवार की शाम को ग्रामीणों के साथ मिलकर इन हाथियों के झुंड को तितर-बितर करने का निश्चय किया.
वन विभाग की टीम और ग्रामीणों को इस झुंड को तोड़ने में तो सफलता मिल गयी, लेकिन शनिवार सुबह एक हाथी मृत मिला. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जो अभियान चलाया गया, उसमें 22 हाथियों के झुंड से 6 हाथी अलग हो गये. शनिवार सुबह जो हाथी मृत मिला है, वह किस झुंड का हिस्सा है, यह पता नहीं चल पाया है.

हाथी के मरने की सूचना जैसे ही लोगों को मिली, वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गयी. वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे. मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. वन विभाग की टीम ने कहा है कि मृत हाथी को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. साथ ही जांच की जायेगी कि आखिर इस हाथी की मौत कैसे हुई.

वन विभाग की टीम ने हाथी के शव का पोस्टमार्टम करवाया. मेडिकल टीम ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई है. हाथी को उसी जगह गड्ढा खोदकर दफना दिया गया.
Posted By : Mithilesh Jha

