15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Prayagraj: शिक्षक से मिली टॉफी ने नरपत सिंह को बना दिया ग्रीन मैन, साइकिल से ही तय की 29 हजार KM की दूरी

Prayagraj News: वाराणसी से प्रयागराज पहुंचे नरपत सिंह ने बताया कि प्रकृति के प्रति प्रेम और लगाव की प्रेरणा उन्हें बचपन में अपने स्कूल शिक्षक से मिली थी. वह उस बच्चों को पेड़ लगाने के बदले टॉफी देते थे.

Prayagraj News: किसी शख्स ने क्या खूब लिखा है मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. यह लाइन राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले नरपत सिंह राजपुरोहित पर बिल्कुल सटीक बैठती है. ग्रीन मन से अपनी पहचान बना चुके प्रकृति प्रेमी नरपत सिंह अब तक करीब 29 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके हैं.

वाराणसी से प्रयागराज पहुंचे नरपत सिंह ने बताया कि प्रकृति के प्रति प्रेम और लगाव की प्रेरणा उन्हें बचपन में अपने स्कूल शिक्षक से मिली थी. वह उस बच्चों को पेड़ लगाने के बदले टॉफी देते थे. टॉफी के बदले स्कूल में पेड़ लगाने का जो सिलसिला बचपन में शुरू हुआ था वो होश संभालते – संभालते इस जुनून में तब्दील हो गया. उन्होंने बताया कि वह अभी तक राजस्थान में ही अभी तक एक लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं. उन्होंने ने कहा प्रकृति के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती.

25338 किमी साइकिल यात्रा के रिकॉर्ड को तोड़ दिया

नरपत ने बताया कि एकल साइकिल यात्रा में अबतक 25338 किमी सफर का रिकार्ड गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है, उन्होंने जिसे उन्होंने पटना पहुंचकर और 28380 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर तोड़ दिया था. वहीं प्रयागराज पहुंचने तक उन्होंने बताया की वह करीब 29 हजार किमी की यात्रा कर चुके है. यात्रा के दौरान एक हादसे में उन्हें 38 टांके आए थे, लेकिन उनका सफर जारी है. अब उनका लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण के लिए 31 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा करने का है. यात्रा का अधिकांस हिस्सा उन्होंने ग्रामीण इलाकों में तय किया जिससे लोगों को प्रकृति और पौधा रोपण के बारे में जागरूक कर सके.

जिसने जीवन में दो पौधे नहीं लगाए उसे चिता का हक नहीं

नरपत सिंह का मानना है की जिस व्यक्ति ने अपने जीवन काल में दो पौधे नहीं लगाए उसे चिता का भी अधिकार नहीं मिलना चाहिए. वह कहते है कि देश में रोज कितने पेड़ काटे जा रहे हैं, क्या उतने पेड़ लग भी रहे हैं? हम आजीवन प्रकृति से शुद्ध हवा और आक्सीजन मुफ्त में लेते हैं.मरने के बाद भी में दाह संस्कार के लिए लकड़ियां चाहिए होती हैं.अगर लोग सिर्फ पेड़ काटेंगे रोपेंगे नहीं तों प्रकृति संरक्षित कैसे रहेगी ?

बहन की शादी में बतौर दहेज दिए 251 पौधे

नरपत सिंह ने दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ भी अभियान अपने घर से ही बहन को शादी में 251 पौधे दे कर शुरू किया. साथ ही उन्होंने अपने गांव के हर घर में दो-दो पौधे भेंट कर लोगों को इसे लगाने के लिए प्रेरित किया. वहीं नरपत सिंह बताते हैं कि वह अपनी यात्रा का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण इलाकों से ही करते है. उनका कहना है कि उनकी यह मुहिम आखरी सांस तक जारी रहेगी. उनका अगला पड़ाव लखनऊ होगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता कर चुके हैं सम्मानित

नरपत सिंह बताते हैं कि उनकी इस मुहिम की सराहना देश भर से उन्हें मिलती है. प्रकृति के प्रति उनके प्रेम और कार्य को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, झारखंड मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्रीजगदीश शेट्टार, पांडिचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदणा, भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष व बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या,गुजरात बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल समेत तमाम लोग सम्मानित कर चुके है.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel