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झारखंड में बदहाल लुप्तप्राय बिरहोर, इलाज के अभाव में एक महिला की, तो दूसरी महिला के बच्चे की मौत

झारखंड और बिहार की सीमा पर स्थित कोडरमा जिला में विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति के लोगों का जीवन बदहाल है. सरकार उनके उत्थान के तमाम दावे करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें चिकित्सा सेवा तक समय पर मुहैया नहीं करायी जाती. यही वजह है कि मरकच्चो प्रखंड के बरियारडीह बिरहोर कॉलोनी में कथित तौर पर इलाज के अभाव में एक बिरहोर महिला की मौत हो गयी, तो एक एक महिला ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया और उसमें से एक की मौत हो गयी.

मरकच्चो : झारखंड और बिहार की सीमा पर स्थित कोडरमा जिला में विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति के लोगों का जीवन बदहाल है. सरकार उनके उत्थान के तमाम दावे करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें चिकित्सा सेवा तक समय पर मुहैया नहीं करायी जाती. यही वजह है कि मरकच्चो प्रखंड के बरियारडीह बिरहोर कॉलोनी में कथित तौर पर इलाज के अभाव में एक बिरहोर महिला की मौत हो गयी, तो एक एक महिला ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया और उसमें से एक की मौत हो गयी.

दोनों ही मामला बरियारडीह बिरहोर कॉलोनी का ही है. आरती बिरहोरिन (30) पति चुन्नू बिरहोर ने शुक्रवार की रात पत्ते से बने झोपड़ीनुमा घर के बाहर खुले आसमान के नीचे जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. प्रसव के करीब एक घंटे के बाद एक बच्चे की मौत हो गयी. इसके लगभग 12 घंटे बाद शनिवार सुबह 10 बजे तक महिला की सुध लेने कोई स्वाथ्यकर्मी नहीं पहुंचा. महिला बेसुध हालत में अपने नवजात शिशु के साथ पत्ते से बने झोपड़ी में जमीन पर पड़ी रही.

सुबह 10 बजे के बाद एक आयुष चिकित्सक और एक एएनएम पहुंची. 108 एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को सदर अस्पताल भेज दिया. बिरहोर कॉलोनी बरियारडीह से स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो की दूरी 15 किलोमीटर है, तो उप स्वास्थय केंद्र बरियारडीह की दूरी मात्र 200-300 मीटर है.

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दूसरी तरफ, मरकच्चो प्रखंड के ही मुर्कमनाय पंचायत अंतर्गत बरियारडीह बिरहोर कॉलोनी में एक 35 वर्षीय बिरहोर महिला की मौत चिकित्सा नहीं मिलने के कारण हो गयी. जानकारी के अनुसार, संजय बिरहोर की पत्नी सोमरी बिरहोरिन तीन दिन से बीमार थी. संजय ने बताया की उसकी पत्नी को डायरिया था. शुक्रवार सुबह उसने अपनी बेटी अनीता को बरियारडीह उप स्वास्थ केंद्र भेजा था. पत्नी की बीमारी के बारे में बताने के लिए. जानकारी देने के बाद भी इलाज करने कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी नहीं आया.

एएनएम प्रतिमा कुमारी ने उसकी बेटी के हाथों दो टैबलेट भिजवा दिया. दवा खाने के बाद भी उसकी पत्नी की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार की रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गयी. शनिवार सुबह इसकी जानकारी भाजपा मंडल अध्यक्ष विजय यादव को हुई, तो उन्होंने इसकी सूचना प्रखंड प्रशासन व मीडिया को दी. इसके बावजूद कोई जिम्मेदार व्यक्ति इस परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचा.

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झारखंड में बदहाल लुप्तप्राय बिरहोर, इलाज के अभाव में एक महिला की, तो दूसरी महिला के बच्चे की मौत 2

करीब पौने 10 बजे आयुष चिकित्सक दिनेश कुमार व एएनएम प्रतिमा कुमारी बिरहोर टोला पहुंचे. भाजपा नेता का कहना है कि समय पर महिला का इलाज हो जाता, तो उसकी जान बच सकती थी. इतना ही नहीं, बिरहोर महिला की मौत के बाद इसके परिजन दो गज कफन के लिए अपने घर के बाहर किसी मददगार का इंतजार करते रहे.

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इसी दौरान प्रखंड प्रशासन की ओर से एमओ अशफाक अहमद व समाजसेवी अरविंद यादव बिरहोर टोला पहुंचे व पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहयोग किया. वहीं एमओ ने 50 किलो अनाज उपलब्ध कराया. मृतका के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. दो पुत्र व दो पुत्री हैं. चिकित्सा में लापरवाही के बारे में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ पार्वती नाग ने बताया कि वे मामले को जांच करेंगी. लापरवाही की बात सामने आयी, तो विभागीय कार्रवाई होगी.

Posted By : Mithilesh Jha

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