हावड़ा : 12 जनवरी को रजिस्ट्री मैरेज संपन्न हुई. दोनों परिवार के सदस्यों ने शादी के लिए तीन मई का दिन तय किया. वर व वधू के परिवार तैयारियों में जुट गये. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में खरीदारी लगभग पूरी कर ली गयी. अचानक कोरोना का कहर इस तरह बरपा कि सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का फैसला लिया. दोनों परिवारों को उम्मीद थी कि 14 के बाद स्थिति सामान्य होगी, लेकिन पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री ने तीन मई तक लॉकडाउन करने का फैसला सुना दिया. यह खबर पाकर दोनों परिवार ही नहीं, दूल्हा व दुल्हन भी मायूस हो उठे.
दोनों ने फैसला लिया कि मंदिर में शादी रचायेंगे और शादी में होने वाले खर्च को मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे. परिवार के सदस्यों ने भी हामी भर दी. घटना ग्रामीण हावड़ा के उदयनारायणपुर थाने के प्रतापचक गांव व जंगलपाड़ा इलाके की है. दीपायन सामंत का घर प्रतापचक व पियाली माइति का घर जंगलपाड़ा में है. तय किया गया कि मंदिर में दूल्हा व दुल्हन और सिर्फ परिजन ही जायेंगे. शादी कराने वाले पुरोहित को ठीक किया गया. फिल्मी अंदाज में पेशे से शिक्षिका पियाली अपनी स्कूटी से दीपायन के घर पहुंचीं. स्कूटी पर होने वाले पति को बैठाया और मंदिर में जाकर विधिवत शादी रचायी. आर्शीर्वाद देने के लिए परिजन भी वहां मौजूद थे. शादी की रस्में पूरी होने के बाद नवदंपती ने बताया कि दोनों परिवार शादी में होने वाले खर्च को मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे. इस दौरान सोश डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया.
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खड़गपुर : लॉकडाउन में भी दो प्यार करने वाले शादी के बंधन में बंध गये. उन्होंने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए एक मंदिर में शादी रचायी. नवदंपती के नाम सौरभ कर्मकार और स्वाति पाथर हैं. चार वर्षों तक चले प्रेम के बाद इन्होंने शादी करने का फैसला किया. घरवाले भी राजी हो गये. 13 मार्च को शादी तय हुई,लेकिन विवाह विवाह से पहले दूल्हे की मां की तबीयत खराब हो गयी, जिससे शादी को टाल देना पड़ा. इसके बाद लॉकडाउन हो गया. इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से शादी करवाने पर सहमति बनी. स्थानीय पार्षद जौहर पाल ने प्रशासन से बातचीत कर दोनों की शादी तय करवा दी. प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त पर शादी की अनुमति दी गयी. गुरुवार की रात सौरभ व स्वाति, दोनों ने मनसा मंदिर में शादी के बंधन में बंध गये.