UPI Lite: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI Lite के लिए एक नया फीचर ‘ट्रांसफर आउट’ पेश किया है. NPCI ने 21 फरवरी 2025 को जारी अपने सर्कुलर में सभी इशूअर बैंक, पीएसपी बैंक और UPI ऐप्स को यह सुविधा लागू करने के निर्देश दिए हैं. सर्कुलर के अनुसार, सभी यूजर्स को ‘ट्रांसफर आउट’ फीचर को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा. यह यूजर्स को UPI Lite बैलेंस से राशि निकालकर उसी स्रोत बैंक खाते में वापस ट्रांसफर करने की सुविधा देगा, जिससे राशि लोड की गई थी, और इसके लिए UPI Lite को डिसेबल करने की आवश्यकता नहीं होगी. सभी संबंधित संस्थानों को इस बदलाव को 31 मार्च 2025 तक लागू करना अनिवार्य होगा.
‘ट्रांसफर आउट’ फीचर क्या है?
नई सुविधा के तहत अब यूजर्स अपने UPI Lite बैलेंस को मूल बैंक खाते में वापस ट्रांसफर कर सकते हैं, वह भी बिना UPI Lite को डिसेबल किए. यह नया फंक्शन यूजर्स को उनके फंड्स पर ज्यादा कंट्रोल देता है और साथ ही छोटे लेन-देन को और भी आसान बनाता है. यूपीआई लाइट सेवा की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, बैंक अब लाइट रेफरेंस नंबर (LRN) स्तर पर बैलेंस ट्रैक करेंगे और रोजाना NPCI के डेटा से उसका मिलान करेंगे, ताकि सही सुलह (reconciliation) हो सके.
इसके अलावा, यूपीआई ऐप में सक्रिय यूपीआई लाइट के लिए लॉगिन के समय पासकोड, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन या पैटर्न-आधारित लॉक से ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके. हालांकि, इन बदलावों के अलावा यूपीआई लाइट से जुड़ी मौजूदा गाइडलाइंस में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
क्या है UPI Lite
UPI Lite एक विशेष पेमेंट समाधान है, जो छोटे लेन-देन (₹500 से कम) के लिए बिना PIN के तेज और सुरक्षित भुगतान की सुविधा देता है. यह UPI सिस्टम के तहत काम करता है, जिससे ट्रांज़ैक्शन पहले से ज्यादा तेज और आसान हो जाते हैं. अक्टूबर 2024 में RBI ने UPI Lite की लिमिट बढ़ा दी है. अब UPI Lite वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी गई है. साथ ही, प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, UPI 123Pay की प्रति ट्रांजैक्शन सीमा भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है. इन बदलावों से डिजिटल पेमेंट पहले से ज्यादा तेज और सुविधाजनक हो जाएगा.
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