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बच्चों के वीडियो गेम खेलने पर चीन में लगी समय की पाबंदी, जानें क्या हुआ उसके बाद

चीन में वीडियो गेम उद्योग विशाल है, लेकिन बच्चों द्वारा वीडियो गेम के उपयोग को लेकर गहरी सांस्कृतिक और सामाजिक चिंताएं हैं, जिन्हें 'आध्यात्मिक अफीम' कहा जाता है.

ऑस्ट्रेलिया की संघीय संसद ने नवंबर 2024 में 16 साल से कम उम्र के लोगों के सोशल मीडिया उपयोग पर पाबंदी लगाने के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया. हालांकि, इसके विवरण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि आयु सत्यापन तकनीकों का उपयोग इस कानून के प्रवर्तन में किया जाएगा. चीन में भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त प्रतिबंध हैं, जिसमें आयु सत्यापन प्रौद्योगिकियां लागू की गई हैं. हालांकि, इन उपायों को लागू करना गोपनीयता और अनुपालन की चुनौतियों के साथ जुड़ा है, और यह दर्शाता है कि तकनीकी प्रतिबंध प्रभावी रूप से लागू करना मुश्किल हो सकता है.

गेमिंग पर समय पाबंदी

चीन में वीडियो गेम उद्योग विशाल है, लेकिन बच्चों द्वारा वीडियो गेम के उपयोग को लेकर गहरी सांस्कृतिक और सामाजिक चिंताएं हैं, जिन्हें ‘आध्यात्मिक अफीम’ कहा जाता है. यह चिंताएं गेमिंग को युवाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए खतरे के रूप में देखती हैं, और इसके चलते चीन ने 2019 में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए गेमिंग समय सीमित करने के लिए कानून बनाया. इसके तहत सप्ताह के दिनों में 90 मिनट और सप्ताहांत में तीन घंटे की सीमा तय की गई थी, साथ ही रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक गेमिंग पर पाबंदी लगाई गई. 2021 में इस नियम को और कड़ा किया गया, जिसमें सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों पर गेमिंग का समय केवल रात 8 से 9 बजे तक सीमित किया गया. 2023 में इस विनियमन को लाइव स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म, वीडियो-शेयरिंग साइट्स और सोशल मीडिया पर भी लागू कर दिया गया.

तकनीक करा रही नियमों का पालन

चीन की प्रमुख गेम कंपनियां अपने विनियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयु सत्यापन प्रणालियां और चेहरे की पहचान जैसी तकनीकों का उपयोग कर रही हैं, जिससे गोपनीयता संबंधी चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं. इसके अलावा, मोबाइल डिवाइस निर्माताओं, ऐप स्टोर और ऐप डेवलपर्स ने ‘माइनर मोड’ पेश किया है, जो निर्दिष्ट समय सीमा तक पहुंचने के बाद उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया उपयोग को सीमित कर देता है.

ऑस्ट्रेलिया को चीन से क्या सीखना चाहिए?

चीन के सख्त गेमिंग नियमों के बावजूद, कई बच्चे इन्हें दरकिनार करने के तरीके खोजते हैं, जैसे बड़े रिश्तेदारों या दोस्तों के नाम से अकाउंट पंजीकृत करना या चेहरे की पहचान तकनीक को मात देने के लिए बड़े लोगों की तस्वीरें इस्तेमाल करना. इसके परिणामस्वरूप नाबालिगों के लिए अनपेक्षित जोखिम, जैसे कि गेम अकाउंट विक्रेताओं से जुड़ी ठगी, उत्पन्न हो गए हैं. एक मामले में, लगभग 3,000 नाबालिगों से 86,000 युआन की ठगी की गई. ऑस्ट्रेलिया को चीन से यह सीखना चाहिए कि तकनीकी उपायों के जरिये पूर्ण प्रतिबंध लागू करना प्रभावी नहीं हो सकता और इससे ऑनलाइन जोखिम बढ़ सकते हैं. इसके बजाय, सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने के लिए आयु-उपयुक्त सामग्री फिल्टर, अभिभावकों के नियंत्रण और स्क्रीन टाइम प्रबंधन जैसे उपायों का उपयोग किया जाना चाहिए.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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