इन दिनों सोशल मीडिया पर फेसएप की धूम है. दो वर्ष पुराने इस फेसएप के जरिये लोग अपने चेहरे को बदल रहे हैं. असल में यह एप व्यक्ति की तस्वीर को कृत्रिम तरीके से बुढ़ापे में बदल देता है. हालांकि, इस एप से जुड़े खतरे की चर्चा भी खूब हो रही है.
यह एक रूसी एप है. इसे सेंट पीटर्सबर्ग स्थित कंपनी वायरलेस लैब ने तैयार किया है. जब कोई व्यक्ति एप को फोटो बदलने के लिए भेजता है तो यह फेसएप सर्वर तक जाता है और यूजर्स की तस्वीर को चुनकर अपलोड करता है. फिर इसमें कृत्रिम इंटेलिजेंस के जरिये बदलाव किया जाता है.
फोटो के सार्वजनिक इस्तेमाल को लेकर चिंता : इस एप को लेकर जो चिंता जाहिर की जा रही है वह यही है कि जिस फोटो को हम निजी इस्तेमाल के लिए देते हैं, बाद में इसका सार्वजनिक इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
इतना ही नहीं, चूंकि यह एप फोन के सर्वर तक जाता है, ऐसे में यह फोन में उपलब्ध सूचनाओं को भी हासिल कर सकता है. बाद में हमारी आदतों और रुचियों को समझने के बाद इन सूचनाओं का विज्ञापन में उपयोग किया जा सकता है. इस एप को मार्केटिंग के हथियार के तौर पर भी देखा जा रहा है. कई लोगों को यह चिंता भी सता रही है कि यह एप हमारे फोन की सारी तस्वीरों तक पहुंच सकता है.
कई लोगों ने यह भी दावा किया है कि एप खोलते ही इंटरनेट पर सारी तस्वीरें अपलोड होने लगीं. हालांकि आईओएस और आईफोन में यह विकल्प आता है कि किन तस्वीरों को हम हैंडओवर करना चाह रहे हैं और किन तस्वीरों को नहीं. फेसएप को लेकर अमरीकी सीनेट में भी चिंता जतायी गयी है.

