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अंतरिक्ष युद्ध की तैयारी में जुटा भारत, जुलाई में स्पेस वॉर अभ्यास

‘मिशन शक्ति’ से अंतरिक्ष में अपनी ताकत दिखाने के बाद भारत अब अतंरिक्ष युद्ध की तैयारी में जुट गया है. जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत अंतरिक्ष में छद्म युद्धाभ्यास के लिए अपना पहला स्पेस वॉर एक्सरसाइज ‘इंडस्पेसएक्स’ करने जा रहा है. यह अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष युद्धाभ्यास होगा. यह अभ्यास मूल रूप से […]

‘मिशन शक्ति’ से अंतरिक्ष में अपनी ताकत दिखाने के बाद भारत अब अतंरिक्ष युद्ध की तैयारी में जुट गया है. जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत अंतरिक्ष में छद्म युद्धाभ्यास के लिए अपना पहला स्पेस वॉर एक्सरसाइज ‘इंडस्पेसएक्स’ करने जा रहा है. यह अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष युद्धाभ्यास होगा. यह अभ्यास मूल रूप से एक टेबल-टॉप वॉर-गेम होगा.

इसमें सेना और साइंस कम्युनिटी के लोग शामिल होंगे. इससे भारत अपनी अंतरिक्ष संपत्तियों की चीन जैसे देशों से सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेगा. अंतिरक्ष में लगातार चीन के बढ़ते दबदबे‌ के बीच भारत अपना पहला युद्धाभ्यास होगा. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इंडस्पेसएक्स नाम की इस‌‌ एक्सरसाइज में सैन्य-अधिकारियों के साथ-साथ स्पेस-साइंटिस्ट और इस क्षेत्र में रिसर्च कर रहे स्कॉलर्स भी हिस्सा लेंगे.

यह एक टेबल-टॉप एक्सरसाइज होगी जिसे रक्षा मंत्रालय के‌ अंतर्गत आने वाली नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी आयोजित करेगी.‌ पाक और चीन की और से लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत को इस अभ्यास से बहुत फायदा होगा. इससे न सिर्फ भारत का दुनिया में दबदबा बढ़ेगा बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत हो जायेगी.

भारत ने डिफेंस‌ स्पेस एजेंसी का किया गठन

अंतरिक्ष में भारत के सेटेलाइट्स की सुरक्षा का मिला दायित्व

स्पेस एजेंसी ट्राइ-सर्विस होगी यानी इसमें वायुसेना और नौसेना के साथ-साथ थलसेना के अधिकारी भी होंगे‌ शामिल

मुख्यालय बेंगलुरु में, सभी सेटेलाइट इमेजरी सेंटर्स सीधे इस स्पेस एजेंसी को करेंगे रिपोर्ट

वायुसेना का एक टू-स्टार ऑफिसर यानी एयर वाइस मार्शल रैंक का अधिकारी होगा एजेंसी का मुखिया

भविष्य में इस एजेंसी को यूएस और चीन के तर्ज पर स्पेस कमांड में बदल दिया जायेगा

विश्व की तीन बड़ी शक्तियां

अमेरिका

जून 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पेस फोर्स बनाने का एलान किया. अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन को स्पेस-फोर्स बनाने का आदेश. ट्रंप स्पेस-फोर्स को देश की निजी सुरक्षा से जुड़ा मानते हैं.

रूस

रूस की स्पेस फोर्स 1992-97 और 2001-11 में सक्रिय रही. इसके बाद चीन और अमेरिका ने भी खुद को स्पेस वॉर के लिए तैयार किया. इसके बाद भारत ने भी अंतरिक्ष महाशक्ति होने का एलान किया.

चीन

2007 में धरती से मिसाइल दाग कर अपने मौसम उपग्रह को उड़ा दिया था. इसके बाद साल 2013 में भी पृथ्वी की कक्षा में रॉकेट दागा था जिससे दूसरे देशों के सेटेलाइट्स को खतरा हो सकता था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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