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‘भारतीय सामान- हमारा अभियान’ नारे के साथ कैट का चीनी सामानों के बायकॉट का मुहिम शुरू, 1 लाख करोड़ के सामानों के आयात को कम करने का लक्ष्य

'भारतीय सामान- हमारा अभिमान' नारे के साथ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार से चाइनीज सामानों का बायकॉट शुरू किया.

आसनसोल (बंगाल) : ‘भारतीय सामान- हमारा अभिमान’ नारे के साथ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार से चाइनीज सामानों का बायकॉट शुरू किया. बुधवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के जरिये पत्रकारों से बातचीत के दौरान कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि प्रथम चरण में चीन से आयात होने वाले 3000 फिनिश्ड गुड्स का बायकॉट किया जायेगा.

दिसंबर 2021 तक चीन में निर्मित सामानों की आयात को एक लाख करोड़ रुपये कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर बुधवार से प्रचार अभियान शुरू हुआ. ‘भारतीय सामान- हमारा अभियान’ नारा लिखा हुआ फेसमास्क और चाय का कागज ग्लास जारी किया गया.

कैट के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरमैन सुभाष अग्रवाल ने कहा कि देश के 7 करोड़ व्यवसायी फेस मास्क पहन कर लोगों के इस अभियान के प्रति जागरूक करेंगे और नारा लिखा हुआ 5 करोड़ चाय का ग्लास रेलवे कैटरिंग में दिया जायेगा. आगामी दिसंबर माह तक राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में इन्ही ग्लास में लोगों को चाय दी जायेगी. प्रचार का यह सबसे बड़ा माध्यम होगा.

सनद रहे कि भारत के प्रति चीन के लगातार विरोधी रवैये को देखते हुए कैट ने बुधवार से देश भर में चीनी वस्तुओं के बायकॉट का राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है. कैट का यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

इस अभियान के प्रथम चरण में कैट ने ऐसी 3000 वस्तुओं की सूची बनायी है जो वर्तमान में चीन से आयात होती है और जिनका उत्पादन भारत में भी एक लंबे समय से होता आया है. कैट ने अपने इस अभियान में देशभर में व्यापारियों को एकजुट करने का कार्य आरंभ किया है.

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9000 के पार पहुंची बंगाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या, एक दिन में 343 नये मामले, 17 लोगों की मौतकैट पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरमैन श्री अग्रवाल ने कहा कि चीन से भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार की वस्तुएं आयात होती हैं, जिनमें फिनिश्ड गुड्स, रॉ मैटेरियल, स्पेयर पार्ट्स तथा तकनीकी उत्पाद शामिल है. कैट ने पहले चरण में चीन से आयात होने वाली 3000 फिनिश्ड गुड्स का बायकॉट करने का निर्णय लिया है.

कैट के सहयोगी के रूप में संकल्प फाउंडेशन और आरके ग्रुप का मिला साथ

कैट के राष्ट्रीय महासचिव श्री खंडेलवाल ने बताया की देश भर में बड़े पैमाने पर व्यापारी नारा लिखा हुआ फेसमास्क पहनकर इस अभियान का प्रचार करेंगे. आगामी दिसंबर तक सभी राजधानी एवं शताब्दी ट्रेनों में 5 करोड़ ग्लास कैटरिंग में वितरित किये जायेंगे, जिसके द्वारा देश के कोने- कोने तक कैट के अभियान का संदेश पहुंचाया जायेगा. इस अभियान में रेलवे में कैटरिंग कंपनी आर के ग्रुप तथा संकल्प फाउंडेशन ने पहला साझेदार बनकर सहयोग किया है. इसी प्रकार से कैट देश भर में बड़ी संख्या में संगठनों तथा सामाजिक संस्थानों को जोड़ेगी.

कैट की पहल से 6 बिलियन रुपये का व्यवसाय कम हुआ

श्री खंडेलवाल ने कहा की वर्ष 2001 में चीनी वस्तुओं का भारत में आयात केवल 2 बिलियन डॉलर था. वर्तमान में यह बढ़कर 70 बिलियन डॉलर हो गया है. एक सोची समझी रणनीति के तहत चीन ने भारत के खुदरा बाजार पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. पिछले 4 वर्षों से कैट चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान समय- समय पर चलाता आ रहा है. जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. वर्ष 2018 में यह आयात 76 बिलियन डॉलर था, जो घटकर वर्ष 2019 में 70 बिलियन डॉलर रह गया है.

भारत के व्यवसायियों ने चायनीज सामानों के भारत में बढ़ते प्रवेश को नजरअंदाज किया. जिसके बदौलत ही भारत के व्यापार जगत पर कब्जा करने की अपनी रणनीति में चीन सफल होती रही. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह अभियान फिलहाल वीडियो कांफ्रेंस तथा सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप) पर चलाया जायेगा.

7 करोड़ व्यवसायी जुड़ेंगे इस अभियान से

श्री खंडेलवाल ने कहा देश भर में 40 हजार व्यवसायी संगठन के अंतर्गत 7 करोड़ व्यवसायी इस अभियान में भाग लेंगे. प्रथम चरण में जारी 3000 चायनीज सामानों की सूची में शामिल किसी भी सामान का न तो वे आयात करेंगे और न ही बेचेंगे. ग्राहकों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे. चायनीज सामानों से भारतीय सामानों की कीमत में पांच से दस प्रतिशत का अंतर होता है. चायनीज सामानों की कोई गारंटी नहीं होती है. ऐसे में ग्राहक भी इस अभियान का समर्थन करेंगे.

पहले चरण में बायकॉट किये जाने वाले सामानों की सूची

कैट ने कुछ सामानों की विस्तृत श्रेणी सूची जारी की है, जिसे लेकर यह अभियान आरंभ किया जायेगा. जिसमें खिलौने, फैब्रिक्स, टेक्सटाइल, टायर, कॉस्मेटिक्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, पुरुष व महिला के अंडर गारमेंट्स, घड़ी, ऑप्टिकल आइटम, बिल्डर्स हार्डवेयर, गारमेंट्स, टॉफी, चॉकलेट, फूड आइटम, स्टेशनरी, पेपर, प्लास्टिक प्रोडक्ट, सर्जिकल उपकरण, बर्तन, लकड़ी का फर्नीचर, ताला, सुरक्षा उपकरण, सजावट के साजो सामान, मूर्ति, दीवाली का सामान, होली का सामान, इलेक्ट्रिक आइटम, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, कलर, रसोई घर का सामान, कंबल, लगेज आर्टिकल्स, ऑफिस का उपकरण, होटल के उपकरण, फोटोग्राफिक उपकरण, खेल का सामान, मेजरमेंट उपकरण, धागा, पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर, ब्रासवेयर आदि समान को शामिल किया गया है. 3000 वस्तुओं की सूची में इन श्रेणियों की और भी छोटी वस्तुओं को विभाजित किया गया है.

जिएटीटी के तहत चीन को व्यवसाय करने की छूट

श्री अग्रवाल ने बताया कि जनरल अग्रीमनेट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (जिएटीटी) के तहत चीन को भारत में अपने सामानों को बेचने की अनुमति है. सरकार इसे बंद नहीं कर सकती है. ट्रेडर्स यदि सामान का आयात नहीं करें और ग्राहक यदि सामान नहीं खरीदे, तो चीनी सामान देश से समाप्त हो जायेगा. ऐसे में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देकर चीन से आयातित सामानों की कमी को पूरा करने की दिशा में सरकार को भी आगे आना होगा. हमारा देश युवाओं का देश है और हम हर परिस्थिति का मुकाबला करने में सक्षम हैं.

Posted By : samir ranjan.

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