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गवर्नर सीवी आनंद से मिलकर ब्रात्य बसु ने दिया बड़ा बयान, कहा – राज्यपाल के साथ टीम के रूप में काम करेगी सरकार

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्यपाल के साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम करेगी.

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता व शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कार्यकाल में जैसे राज्य सरकार के साथ रिश्तों में जो उथल-पुथल देखी गयी थी, वैसी स्थिति फिर से होने की संभावना नहीं है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ बैठक में उपस्थित श्री बसु ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार एक टीम के रूप में राजभवन के साथ मिलकर काम करेगी. श्री बसु ने कहा कि वह यह अधिकार पूर्वक कहते हैं कि अतीत की पुनरावृत्ति का कोई मौका नहीं है. ध्यान रहे कि श्री धनखड़ के राज्यपाल रहने के दौरान राज्य सरकार के साथ हमेशा उनकी तनातनी रहती थी.

राज्यपाल के साथ कई मुद्दों पर की चर्चा

ब्रात्य बसु ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश व राज्यपाल की दूरदर्शिता से और बेहतर काम होगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि नवान्न, राजभवन और विकास, भवन साथ-साथ काम करेंगे. मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजभवन आया हूं और राज्यपाल से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसके बाद समस्या का समाधान हुआ. यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार सर्च कमेटी के गठन को भी राज्यपाल ने हरी झंडी दिखा दी है. सर्च कमेटी नये वाइस चांसलरों का नाम चयन करेगी और सही उम्मीदवारों के नाम तीन महीने के अंदर चासंलर के पास जमा करेगी. राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में चंद शब्दों में ही अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि शिक्षा में कोई टकराव नहीं है. बंगाल अपनी शिक्षा और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. हम सभी को समन्वय स्थापित कर शिक्षा की प्रगति को बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए.

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बैठक में छह विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर भी रहे मौजूद

राजभवन में मंगलवार को हुई बैठक में राज्य के छह विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर उपस्थित रहे. इसमें काजी नजरुल विश्वविद्यालय के वीसी साधन चक्रवर्ती, संस्कृत विश्वविद्यालय की अनुराधा मुखोपाध्याय, बारासात राज्य विश्वविद्यालय की वीसी महुआ दास, सिद्धो-कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय के वीसी दीपक कार, बर्दवान विश्वविद्यालय के निमाई साहा और कल्याणी विश्वविद्यालय के मानस सान्याल शामिल हुए. बैठक के दौरान इन छह कुलपतियों ने आचार्य सीवी आनंद बोस को अपना इस्तीफा सौंप दिया और राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

इसके बाद उन्होंने पत्र लिखकर सभी को फिर से तीन माह के लिए नियुक्त किया. इस प्रक्रिया में जिन कुलपतियों को दिक्कत थी, वे मंगलवार को राजभवन में मौजूद नहीं थे. उनके बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे बुधवार को राजभवन आकर इस्तीफा सौंपेंगे. एक्सटेंशन लेटर भी लेंगे. बैठक में नेताजी मुक्त विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रंजन चक्रवर्ती उपस्थित थे, लेकिन उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है. मार्च में समाप्त होगा, इसलिए उन्होंने कोई त्याग पत्र नहीं दिया.

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