साहस और बुद्धिमत्ता का परिचय देने के लिये मिला सम्मान
सिलीगुड़ी. अपनी सुरक्षा के लिये सतर्क रहना सबसे बड़ा हथियार है. अपना आपा खोये बिना किसी भी परिस्थिति से बच कर निकला जा सकता है. कुछ इसी तरह का कारनामा सिलीगुड़ी की एक छात्रा ने कर दिखाया है. उसके धैर्य और अपने अभिभावक पर विश्वास की वजह से छेड़छाड़ करने वाले एक व्यक्ति को हवालात तक पहुंचा दिया. 12वीं की इस छात्रा ने अधेड़ उम्र के एक मनचले को ऐसा सबक सिखाया कि उसने स्वयं अपनी गलती मानी और लिखित रूप से पूरे समाज से माफी मांगी. सोमवार की सुबह 12वीं की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की यह घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 11 में घटी है. धैर्य और बुद्धिमत्ता का परिचय देने वाली उस छात्रा और उनके अभिभावक को वार्ड पार्षद नांटू पाल ने सम्मानित किया है.
श्री पाल से मिली जानकारी के अनुसार छात्रा जिले के कर्सियांग स्थित अंग्रेजी माध्यम के एक निजी विद्यालय में पढ़ती है. जाड़े की छुट्टी में वह सिलीगुड़ी स्थित अपने घर आयी हुयी है. रविवार की शाम ट्यूशन से लौटते समय एक अधेड़ व्यक्ति ने उसका पीछा किया और उससे बात करने की कोशिश की. काफी परेशान करने के बाद आरोपी ने छात्रा से उसका मोबाइल नंबर मांगा. सुनसान रास्ते में स्वयं को अकेला पाकर छात्रा ने बड़ी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए अपनी मां का मोबाइल नंबर उसे दे दिया और वहां से निकल गयी. घर पहुंचने पर उसने अपनी मां को घटना की जानकारी दी. इसके बाद रविवार की रात व्हाट्सएप पर उस अधेड़ ने छात्रा की मां से संपर्क साधा और सोमवार को मिलना तय हुआ.
इसके बाद आज सुबह छात्रा की मां ने उन्हें जानकारी दी और आरोपी को पकड़ने का एक जाल बिछाया. हाथ लगते ही उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. आरोपी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. उसने छात्रा को बानरहाट निवासी सोनू गर्ग के रूप अपनी पहचान बतायी थी. श्री पाल ने बताया कि छात्रा ने धैर्य के साथ जिस बुद्धिमत्ता का परिचय दिया, वह तारीफ के काबिल है. उसके अभिभावक ने भी छात्रा का उतना ही साथ दिया और आरोपी को हवालात तक पहुंचाया. उसके लिये इस परिवार को वार्ड की ओर सम्मानित किया गया. 12वीं की यह छात्रा और उसका परिवार पूरे देश के लिये एक प्रेरणास्रोत है.
छात्रा की मां मौसमी सिंह ने बताया कि वह उसी विद्यालय की एक शिक्षिका हैं जिसमें उनकी बेटी पढ़ती है. रविवार को घर वापस आते ही उसने सारा किस्सा सुनाया. घटना सुनने के बाद श्रीमती सिंह उस व्यक्ति को फोन कर धमकाने का मन बनाया लेकिन फिर समाज के अन्य लड़कियों के बारे में सोचकर उसे एक सबक सिखाने के लिये जाल बिछाया. रात के नौ बजे से लेकर सुबह के आठ बजे तक आरोपी व्यक्ति ने इंटरनेट के जरिए काफी बातचीत की. दूसरी तरफ श्रीमती सिंह ने छात्रा के रूप में उससे बातें की और उसे अपने विश्वास में लिया. सोमवार की सुबह आठ बजे उस अधेड़ ने फोन कर मिलने का प्रस्ताव रखा.
उन्होंने उसे घर के सामने बुलाया लेकिन वह नहीं माना. फिर स्थानीय एक मिठाई दुकान के सामने मुलाकात का समय तय हुआ. वार्ड पार्षद की सहायता से मुलाकात वाले स्थान पर लोगों का जाल बिछाया गया और फिर फोन करके उसकी पहचान की गयी. इशारा मिलते ही आस-पास फैले लोगों ने आरोपी को धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया. श्रीमती सिंह ने बताया कि मैसेज में उसने अपने आपको बानरहाट बाजार निवासी सोनू गर्ग बताया था. धराये जाने के बाद उसने अपनी गलती मानी. वार्ड पार्षद को एक लिखित माफीनामा भी दिया. इसमें उसने अपना नाम रमेश अग्रवाल बताया.
श्रीमती सिंह ने कहा कि बेटी सिर्फ सोलह साल ही है लेकिन उसने काफी धैर्य से काम लिया. ऐसी परिस्थिति में कोई भी लड़की स्वाभाविक रूप से डर जायेगी और अपने अभिभावक से घटना की चरचा नहीं करेगी, क्योंकि अधिकांश अभिभावक अपनी बेटी में ही खोट निकाल कर उसे डांट-फटकार करते हैं. संतान का सबसे सच्चा मित्र उसका अभिभावक ही होता है. थोड़ा कठिन था लेकिन समाज में पांव पसार रहे ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिये इस तरह का कदम उठाया जाना आवश्यक है.