12 से 16 दिसंबर तक दिल्ली में होगा धरना-प्रदर्शन
गोरखालैंड बनाना मोदी के लिए चुटकियों का काम
दार्जिलिंग. दिल्ली में चार दिवसीय कार्यक्रम के बाद भी केंद्र सरकार ने गोरखालैंड की मांग को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो 17 दिसंबर से गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) दूसरा अभियान शुरू करेगा.
यह बात मोरचा प्रमुख विमल गुरूंग ने दार्जिलिंग मोटर स्टैंड के पास आयोजित एक विशाल जनसभा में कही. जनसभा को संबोधित करते हुए श्री गुरूंग ने कहा कि गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर आगामी 12 से 16 दिसंबर तक दिल्ली में अभियान चलाया जायेगा. अभी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इसी को ध्यान में रखकर मोरचा ने दिल्ली में चार दिवसीय कार्यक्रम बनाया है. इस कार्यक्रम के दौरान भी सरकार ने गोरखालैंड मांग को लेकर सकारात्मक पहल नही की, तो 17 दिसंबर से दूसरा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. लेकिन इस दूसरे कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया.श्री गुरूंग ने यह भी कहा कि अब होने वाले कार्यक्रम और आन्दोलन पहाड़ में नहीं, दिल्ली में होंगे. पहाड़ के सभी राजनैतिक दल है गोरखालैंड की मांग के साथ है. इसलिए सभी को एक साथ होकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि जब गोरखालैंड विरोधी दल इस मामले में एक हो सकते हैं, तो समर्थक दल क्यों नहीं. श्री गुरूंग ने कहा कि पहाड़ में तृणमूल पुलिस-प्रशासन की बदौलत टिकी हुई है. यदि पुलिस-प्रशासन साथ छोड़ दे, तो पहाड़ से तृणमूल गुल हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नोटबन्दी को देश के सभी लोग समर्थन कर रहे हैं, केवल बंगाल इसका विरोध कर रहा है. अगर मोदी पूरे देश का रुपया बदल सकते हैं, तो गोरखालैंड गठन करना उनके लिए चुटकी बजाने भर की बात है. उन्होंने आगामी 2019 तक गोरखालैंड का सपना पूरा होने का दावा भी किया. जनसभा को रोशन गिरी, सन्दीप छेत्री आदि ने भी संबोधित किया.