सिलीगुड़ी. माकपा नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने एक बार फिर से राज्य सरकार तथा तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सिलीगुड़ी नगर निगम पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम होगी. सिलीगुड़ी नगर निगम पर वाम मोरचा का कब्जा है और पांच वर्षों तक यहां वाम मोरचा का ही बोर्ड रहेगा. श्री भट्टाचार्य मंगलवार को हिलकोर्ट रोड स्थित माकपा कार्यालय अनिल विश्वास भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में दोबारा सत्ता में आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस विरोधियों के कब्जे में रहे ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा नगरपालिकाओं पर कब्जा कर रही है. विरोधी दलों के पार्षदों को प्रलोभन एवं भय दिखाकर तृणमूल कांग्रेस अपने पाले में कर रही है. पिछले कुछ दिनों के दौरान एक-पर-एक ग्राम पंचायतों पर तृणमूल कांग्रेस कब्जा कर चुकी है. अब तृणमूल की नजर सिलीगुड़ी नगर निगम तथा सिलीगुड़ी महकमा परिषद पर है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस चाहे जितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, उन्हें सिलीगुड़ी नगर निगम तथा महकमा परिषद पर कब्जा करने की सफलता नहीं मिलेगी.
श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि सिलीगुड़ी महकमा इलाके में तृणमूल का कोई अस्तित्व नहीं है. माकपा तृणमूल कांग्रेस को पिछले एक वर्षोँ के दौरान तीन चुनावों में हरा चुकी है. पहले सिलीगुड़ी नगर निगम उसके बाद सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में मात खाने के बाद तृणमूल कांग्रेस हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भी महकमा के तीन सीटों में से एक पर भी कब्जा नहीं कर पायी. चुनाव में हार के बाद अब तृणमूल कांग्रेस दूसरे दरवाजे से नगर निगम तथा महकमा परिषद की सत्ता पर कब्जा करना चाहती है. सिलीगुड़ी के लोगों ने पांच वर्षों के लिए उन्हें मेयर बनाया और अगले पांच वर्षोँ तक वह मेयर बने रहेंगे. ऐसी स्थिति महकमा परिषद की भी रहेगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से विरोधी पार्षदों तथा पंचायत सदस्यों को तरह-तरह के प्रलोभन दिये जा रहे हैं.
इसके अलावा दल-बदल नहीं करने पर कई प्रकार की धमकियां भी दी जा रही है. उसके बाद भी वाम मोरचा के सभी पार्षद और सदस्य एकजुट हैं. श्री भट्टाचार्य ने इस दौरान राज्य की तृणमूल सरकार पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नगर निगम तथा महकमा परिषद को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रही है. विभिन्न परियोजनाओं संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे गये हैं, लेकिन उसको अब तक मंजूरी नहीं मिली है. राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर 30 जुलाई को एक कन्वेशन का भी आयोजन किया जा रहा है. इसमें राज्य सरकार के भेदभाव नीति का खुलासा किया जायेगा और आम लोगों की राय भी ली जायेगी.