हमले के आरोप को खारिज करते हुए इंगलिशबाजार से तृणमूल उम्मीदवार कृष्णेंदु चौधरी ने उलटे कांग्रेस और सीपीएम पर तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बालूचर की घटना में उनकी पार्टी का कोई कार्यकर्ता शामिल नहीं था. सच तो यह है कि मतदान के दिन आइटीआइ मोड़ पर तृणमूल कार्यकर्ताओं पर कांग्रेस और सीपीएम ने हमला किया. इस हमले में घायल एक तृणमूल कार्यकर्ता का अभी तक अस्पताल में इलाज चल रहा है. घायल तृणमूल कार्यकर्ता अनूप सरकार का घुंटना टूट गया है. पुलिस अभी तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है.
मतदान के दिन हुई हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ दल एवं विरोधी दल दोनों ही पुलिस की भूमिका उर उंगली उठा रहे हैं. हालांकि पुलिस अधीक्षक सैयद वकार रजा ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है. इनमें से कोई अभी इलाके में मौजूद नहीं है. सभी भागे हुए हैं.मंगलवार दोपहर दो बजे कांग्रेस और वाम नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बालूचर में सीपीएम कार्यकर्ता कार्तिक साहा के घर पहुंचा. आरोप है कि मतदान के दिन तृणमूल उम्मीदवार कृष्णेंदु चौधरी के समर्थकों ने कार्तिक साहा के घर पर धावा बोला था.
साहा ने आरोप लगाया कि तृणमूल के लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की. उनकी अस्सी साल की मां के बांये हाथ की उंगली तोड़ दी गयी. बड़े भाई जयप्रकाश साहा को भी मारा-पीटा गया. इसके बाद कांग्रेस और सीपीएम के नेता दक्षिण बालूचर में ही सीपीएम कार्यकर्ता सुरेश पासवान के घर गये. उनके घर में भी तृणमूल के बदमाशों ने हमला बोला था. पासवान ने आरोप लगाया कि उनकी 75 साल की मां को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया और उनके साथ मारपीट की गयी. मेरी पत्नी जब बदमाशों को रोकने गयी तो उसे भी मारापीटा गया. उत्पीड़ित सीपीएम कार्यकर्ताओं ने कहा कि तृणमूल से जुड़े बदमाश इलाके में नहीं रहने देने की धमकी दे रहे हैं. कह रहे हैं कि यहां रहना है तृणमूल के लिए काम करना होगा.
इधर सीपीएम और कांग्रेस के आरोपों को लेकर कृष्णेंदु चौधरी ने भी प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि सीपीएम और कांग्रेस मालदा शहर में गृहयुद्ध भड़काना चाह रही हैं. मतदान के दिन हमला दोनों तरफ से हुआ. लेकिन सीपीएम और कांग्रेस नये सिरे से गड़बड़ी फैलाने की तैयारी कर रहे हैं.