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चुनावी हिंसा: वाम और कांग्रेस ने दी जिले भर में आंदोलन की चेतावनी

मालदा. मतदान के दिन सीपीएम कार्यकर्ता के घर में घुसकर हमला करने और उसके घर को तहस-नहस करने के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वाम और कांग्रेस के नेता मैदान में उतर आये हैं. मंगलवार दोपहर को इंगलिशबाजार शहर के नौ नंबर वार्ड के दक्षिण बालूचर इलाके में हमले के शिकार […]

मालदा. मतदान के दिन सीपीएम कार्यकर्ता के घर में घुसकर हमला करने और उसके घर को तहस-नहस करने के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वाम और कांग्रेस के नेता मैदान में उतर आये हैं. मंगलवार दोपहर को इंगलिशबाजार शहर के नौ नंबर वार्ड के दक्षिण बालूचर इलाके में हमले के शिकार लोगों के घर वाम और कांग्रेस के नेता पहुंचे. इसमें कांग्रेस सांसद मौसम नूर, कांग्रेस उम्मीदवार ईसाखान चौधरी, सीपीएम के जिला सचिव अंबर मित्र और कई अन्य नेता शामिल थे. बाद में उन्होंने जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करके उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की.

हमले के आरोप को खारिज करते हुए इंगलिशबाजार से तृणमूल उम्मीदवार कृष्णेंदु चौधरी ने उलटे कांग्रेस और सीपीएम पर तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बालूचर की घटना में उनकी पार्टी का कोई कार्यकर्ता शामिल नहीं था. सच तो यह है कि मतदान के दिन आइटीआइ मोड़ पर तृणमूल कार्यकर्ताओं पर कांग्रेस और सीपीएम ने हमला किया. इस हमले में घायल एक तृणमूल कार्यकर्ता का अभी तक अस्पताल में इलाज चल रहा है. घायल तृणमूल कार्यकर्ता अनूप सरकार का घुंटना टूट गया है. पुलिस अभी तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है.

मतदान के दिन हुई हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ दल एवं विरोधी दल दोनों ही पुलिस की भूमिका उर उंगली उठा रहे हैं. हालांकि पुलिस अधीक्षक सैयद वकार रजा ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है. इनमें से कोई अभी इलाके में मौजूद नहीं है. सभी भागे हुए हैं.मंगलवार दोपहर दो बजे कांग्रेस और वाम नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बालूचर में सीपीएम कार्यकर्ता कार्तिक साहा के घर पहुंचा. आरोप है कि मतदान के दिन तृणमूल उम्मीदवार कृष्णेंदु चौधरी के समर्थकों ने कार्तिक साहा के घर पर धावा बोला था.

साहा ने आरोप लगाया कि तृणमूल के लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की. उनकी अस्सी साल की मां के बांये हाथ की उंगली तोड़ दी गयी. बड़े भाई जयप्रकाश साहा को भी मारा-पीटा गया. इसके बाद कांग्रेस और सीपीएम के नेता दक्षिण बालूचर में ही सीपीएम कार्यकर्ता सुरेश पासवान के घर गये. उनके घर में भी तृणमूल के बदमाशों ने हमला बोला था. पासवान ने आरोप लगाया कि उनकी 75 साल की मां को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया और उनके साथ मारपीट की गयी. मेरी पत्नी जब बदमाशों को रोकने गयी तो उसे भी मारापीटा गया. उत्पीड़ित सीपीएम कार्यकर्ताओं ने कहा कि तृणमूल से जुड़े बदमाश इलाके में नहीं रहने देने की धमकी दे रहे हैं. कह रहे हैं कि यहां रहना है तृणमूल के लिए काम करना होगा.

बाद में कांग्रेस सांसद मौसम नूर और सीपीएम के जिला सचिव अंबर मित्र ने एक प्रेस वार्ता की. इसमें उन्होंने कहा कि किस भाषा में पूरी घटना का जिक्र करें, यह समझ नहीं पा रहे हैं. जिस तरह से तृणमूल के लोगों ने घर में घुसकर हमला किया है, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद पुलिस मूकदर्शक की भूमिका में रही. इसी तरह चलता रहा तो भयंकर हालात पैदा होंगे. हम यह सब बंद होते देखना चाहते हैं. हमने जिला अधिकारी शरद द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक को बोल दिया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पूरे जिले में आंदोलन होगा. वाम और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि तृणमूल के पांव के नीचे से जमीन खिसक रही है. अपनी हार देखकर सत्तारूढ़ दल के नेता-कार्यकर्ता सीपीएम और कांग्र्रेस पर हमला कर रहे हैं.

इधर सीपीएम और कांग्रेस के आरोपों को लेकर कृष्णेंदु चौधरी ने भी प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि सीपीएम और कांग्रेस मालदा शहर में गृहयुद्ध भड़काना चाह रही हैं. मतदान के दिन हमला दोनों तरफ से हुआ. लेकिन सीपीएम और कांग्रेस नये सिरे से गड़बड़ी फैलाने की तैयारी कर रहे हैं.

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