बर्दवान : शरद ऋतु में भी जिले में मलेरिया का प्रकोप फैल रहा है. पिछले तीन महीनों जिले में 44 लोग मलेरिया से आक्रांत हुये हैं. जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग इसे बेहद ही गंभीरता से ले रहा है.
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक भी की गई है. सिर्फ यहीं नहीं स्वास्थ्य विभाग की मदद से मच्छरों की वंशवृद्धि रोकने के लिए इस रोज आलीसा बस स्टैंड समेत विभिन्न इलाकों में डीडीटी का छिड़काव किया गया.
साधारणत: बरसात के मौसम में मलेरिया फैलता है. पिछली बार बरसात के मौसम में जिले में इस रोग ने भयानक रूप धारण कर लिया था. उस वक्त इस रोग की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मृत्यु भी हो गई थी. इस बार जाड़े के मौसम में ही मलेरिया ने पांव पसार दिया है.
बर्दवान 1 व 2, आउसग्राम 1 व 2, मेमेरी 1 व 2, खंडघोष, रायना 1 व 2 के अलावा शिल्पांचल के कुछ इलाकों में इस रोग का प्रकोप देखने को मिल रहा है.
स्वास्थ्य विभाग सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर महीने से जिले में ठंड ने दस्तक दी. अक्टूबर से दिसंबर तक जिले में एक लाख 16 हजार 551 लोग बीमार हुये थे. सभी मरीजों के रक्त के नमूने संग्रह कर इसकी जांच की गई थी. इनमें से प्राथमिक स्तर पर 632 मलेरिया से पीड़ित थे.
इनमें से 44 के रक्त में मलेरिया के जीवाणु पाये गये.
जिला परिषद के जनस्वास्थ्य कर्माध्यक्ष गुलाम जाजिर्स ने बताया कि प्रधानत: मई से अक्टूबर तक मच्छरों के वंशवृद्धि का आदर्श समय है. इस समय प्रत्येक वर्ष मलेरिया का प्रकोप देखा जाता है. लेकिन इस बार शीत में भी मलेरिया ने पांव पसार लिया है.