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पूजा से पहले एक और चाय बागान हुआ बंद
1800 से भी अधिक श्रमिक हुए बेरोजगार पूरे इलाके में तनाव और रोष जलपाईगुड़ी : दुर्गा पूजा से ठीक पहले एक और चाय बागान के बंद हो जाने से वहां काम कर रहे श्रमिकों की परेशानी बढ़ गयी है. यह घटना अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित डीमा चाय बागान की है.कल शुक्रवार को ही […]
1800 से भी अधिक श्रमिक हुए बेरोजगार
पूरे इलाके में तनाव और रोष
जलपाईगुड़ी : दुर्गा पूजा से ठीक पहले एक और चाय बागान के बंद हो जाने से वहां काम कर रहे श्रमिकों की परेशानी बढ़ गयी है. यह घटना अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित डीमा चाय बागान की है.कल शुक्रवार को ही मालिकों एवं कर्मचारियों के बीच बोनस को लेकर विवाद की वजह से एक प्लाय बोर्ड कारखाने में बंदी की घोषणा हुई है.उसके बाद बोनस को ही लेकर विवाद की वजह से अब चाय बागान के बंद होने की खबर है.
अचानक इस चाय बागाान को बंद कर देने की घोषणा के बाद यहां काम कर रहे श्रमिकों में भारी असंतोष है और इसी की वजह से पूरे चाय बागान इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बागान प्रबंधन और श्रमिकों के बीच बोनस को लेकर काफी दिनों से विवार चल रहा था.आखिरकार इस विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया और बागान को लॉकआउट करने की घोषणा कर दी गयी. बागान के बंद होने से यहां काम कर रहे 1850 श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. इनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या पैदा हो गयी है. बागान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर तक बागान की स्थिति सामान्य बनी हुई थी. सुबह श्रमिक काम के लिए बागान आये. तबतक किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि कुछ ही समय बाद बागान को अंद करने की घोषणा कर दी जायेगी. दोपहर बाद बागान प्रबंधन से जुड़े लोग एक एक कर बागान छोड़ कर चले गये.
उसके बाद श्रमिको को पता चला कि बागान में बंदी की घोषणा की गयी है.इस बात की खबर फैलते ही हर ओर हड़कंप मच गया. श्रमिकों तथा श्रमिक नेताओं ने इसकी जानकारी जुटानी शुरू की.पता चला कि बागान के मैनेजर ने एक दिन पहले ही बागान बंद करने संबंधी एक चिट्ठी कालचीनी थाने को दे दी है.उसक बाद श्रमिकों का गुस्सा भड़क गया.
श्रमिकों का कहना है कि बागान में बोनस को लेकर कोइ विवाद नहीं है.श्रमिकों और बागान प्रबंधन के बीच बोनस को लेकर शांतिपूर्ण माहौल में ही बामचीत हुई थी.श्रमिकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बोनस ना देना पड़े, इसी वजह से मालिकों को बागान को बंद करने की घोषणा की है. दुर्गापूजा के ठीक पहले बागान बंद हो जाने से ना केवल यहां काम कर रहे श्रमिक बल्कि उनके परिवार के लोग भी काफी निराश हैं.
पूर्व सांसद मनोहर तिरकी ने इस संबंध में कहा कि चाय बागान में काम कर रहे श्रमिकों को बोनस ना देना पड़े, इसी की साजिश बागान मालिकों ने की है. इस बीच, इस बागान को फिर से खोलने को लेकर यहां के प्रशासन ने अबतक कोइ पहल नहीं की है.श्रमिकों ने यथाशीघ्र त्रिपक्षीय बैठक बुलाकर प्रशासन से बागान को खुलवाने की मांग की है.
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