किसी तरह उसके पैर पर लोहे की बेड़ी डाल कर उसे काबू में रखा गया है, लेकिन उसके खानपान व आश्रय स्थान को लेकर आदिना फॉरेस्ट के अधिकारी समस्या में पड़ गये हैं. जोनाकी को देखने के लिए आदिना डियर फॉरेस्ट में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. ज्यादा लोग देख कर जोनाकी और बेकाबू होने लगा है. वन विभाग को आशंका है कि किसी भी वक्त जोनाकी विकराल रूप धारण कर सकता है. उसको नियंत्रण में रखने के लिए वन विभाग के पास कोई अस्त्र नहीं है. वन विभाग के कर्मचारियो ने हांलाकि आवश्कता पड़ने पर नींद की गोली जमा कर ली है. जरूरत पड़ने पर नींद की गोली से इस हाथी को काबू में किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि बीते 28 अप्रैल को गाजोल के गोरूरहाट में यह हाथी जंजीर से बंधा हुआ था. सर्कस प्रबंधन के पास हाथी का वैध कागजात नहीं था. बीते मंगलवार को मालदा वन विभाग के अधिकारी हाथी मामले की जांच करने पहुंचे. एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की अनुमति पत्र नहीं पाकर सर्कस के मैनेजर के खिलाफ मालदा के वनाधिकारी ने गाजोल थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. उसी दिन रात को सर्कस के मैनेजर सुब्रत चटर्जी को गाजोल थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
इसके बाद वन कर्मचारी शुक्रवार सुबह हाथी व उसके सहायक अजरुन को पकड़ कर आदिना डियर फॉरेस्ट में ले आये थे, लेकिन वन कर्मचारियों के आंख में धूल झोंक कर अजरुन वहां से भाग गया. तभी से हाथी वन विभाग के कब्जे में है. वनाधिकारी मिनाक्षी प्रसाद ने बताया कि सर्कस के हाथी को आदिना डियर फॉरेस्ट में लाकर रखा गया है. बाद में उसे उत्तर बंगाल के सुकना फॉरेस्ट में भेज दिया जायेगा. उसके खाद्य सामग्री व पानी की व्यवस्था की गयी है. पुलिस को इस बारे में अवगत कराया गया है.