सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव के बाद एक निर्दलीय पार्षद के समर्थन से भले ही वाम मोरचा ने बोर्ड गठन के बाद मेयर परिषद का गठन कर लिया हो, लेकिन पद को लेकर वाम मोरचा में घमासान सामने आ गया है. सिलीगुड़ी के मेयर तथा माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य ने रविवार को मेयर परिषद का गठन कर लिया है.
आज सभी पार्षदों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ भी ले ली है. फिलहाल तो सब कुछ ठीक दिख रहा है, लेकिन मेयर परिषद के गठन को लेकर अंदर ही अंदर वाम मोरचा के शरीक दलों में उबाल है. खासकर फॉरवार्ड ब्लॉक तथा आरएसपी के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है. मेयर अशोक भट्टाचार्य अपने दोनों सहयोगी दलों के बीच समन्वय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
वाम मोरचा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अशोक भट्टाचार्य के लिए मेयर परिषद का गठन इतना आसान नहीं था. 47 सदस्यीय सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम मोरचा के पास 23 सीटें हैं और एक निर्दलीय पार्षद अरविंद घोष उर्फ अमू दा के समर्थन से अशोक भट्टाचार्य ने बोर्ड का गठन किया है. माकपा के पास 23 में से 21 सीटें हैं. माकपा के दो अन्य सहयोगी फॉरवार्ड ब्लॉक तथा आरएसपी की एक-एक सीट है. डिप्टी मेयर पद को लेकर इन दोनों दलों के बीच मचे घमासान की वजह से अशोक भट्टाचार्य को आरएसपी के रामभजन महतो तथा फॉरवार्ड ब्लॉक की दुर्गा सिंह को मेयर परिषद में शामिल करना पड़ा. सूत्रों से बताया कि अशोक भट्टाचार्य आरएसपी के रामभजन महतो को डिप्टी मेयर बनाकर मेयर परिषद में शामिल करना चाहते थे. पहली बार चुनाव जीती दुर्गा सिंह को मेयर परिषद में शामिल करने की उनकी कोई इच्छा नहीं थी.
जोड़-तोड़ की राजनीति के इस दौर में अशोक भट्टाचार्य को समझौता करना पड़ा और न चाहते हुए भी दुर्गा सिंह को मेयर परिषद में शामिल करना पड़ा. सूत्रों ने आगे बताया कि आरएसपी के रामभजन महतो तथा फॉरवार्ड ब्लॉक की दुर्गा सिंह ने पहली ही डिप्टी मेयर के पद पर अपनी दावेदारी जता दी थी. दोनों ने इस आशय का एक पत्र भी अशोक भट्टाचार्य को सौंपा था. कल वाम मोरचा की बैठक में अशोक भट्टाचार्य तथा अन्य नेताओं को डिप्टी मेयर पद लेकर ही सबसे अधिक माथापच्ची करनी पड़ी. सूत्रों ने बताया कि अशोक भट्टाचार्य ने जैसे ही रामभजन महतो को डिप्टी मेयर बनाने की घोषणा की, वैसे ही फॉरवार्ड ब्लॉक नेता भड़क गये. फॉरवार्ड ब्लॉक के जिला सचिव अनिरूद्ध बसु ने तो वाम मोरचा की बैठक का बीच में ही बायकाट कर दिया.
फॉरवार्ड ब्लॉक के इस तीखे तेवर के बाद अशोक भट्टाचार्य ने दुर्गा सिंह को भी मेयर परिषद में शामिल करने की घोषणा की. इसके बाद फॉरवार्ड ब्लॉक के नेताओं का गुस्सा कुछ शांत हुआ. यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि विभागों के बंटवारे को लेकर दोनों शरीक दल के पार्षद आपस में भिड़ गये. दुर्गा सिंह को पहले सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे फॉरवार्ड ब्लॉक नेता संतुष्ट नहीं थे. बाद में शाम को एक बार फिर से वाम नेताओं की बैठक हुई. उसके बाद डिप्टी मेयर बने रामभजन महतो के कुछ विभागों में कटौती की गई. रामभजन महतो से पार्किग विभाग लेकर दुर्गा सिंह को सौंप दिया गया. उसके बाद फॉरवार्ड ब्लॉक के नेता शांत हुए. इधर, इस संबंध में अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि वाम मोरचा में पद को लेकर किसी प्रकार की कोई तनातनी नहीं है. उन्होंने माना है कि डिप्टी मेयर पद को लेकर आरएसपी तथा फॉरवार्ड ब्लॉक के बीच विवाद था, जिसे दूर कर लिया गया है. वरिष्ठता के आधार पर डिप्टी मेयर का पद रामभजन महतो को दिया गया है.