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सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव परिणाम: तृणमूल कांग्रेस के कई दिग्गज नेता धराशायी, 23 सीटों के साथ वामो बहुमत के करीब

सिलीगुड़ी. वर्ष 2009 के सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वाम मोरचा का जो लाल दुर्ग ढह गया था, वह इस बार एक बार फिर से सीना तान कर खड़ा हो गया है. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वाम मोरचा 23 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और 47 सीटों वाले […]

सिलीगुड़ी. वर्ष 2009 के सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वाम मोरचा का जो लाल दुर्ग ढह गया था, वह इस बार एक बार फिर से सीना तान कर खड़ा हो गया है. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वाम मोरचा 23 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और 47 सीटों वाले नगर निगम में बोर्ड बनाने के लिए वाम मोरचा को सिर्फ एक सीट की और जरूरत है.

वाम मोरचा बहुमत के करीब है और अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व में यहां वाम मोरचा का बोर्ड बनना तय है. वर्ष 2009 के नगर निगम चुनाव और उसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव के बाद सिलीगुड़ी में वाम मोरचा का लाल झंडा मानो गायब हो गया था. आज नगर निगम चुनाव में जीत के बाद एक बार फिर से सिलीगुड़ी लाल झंडे से लाल हो गया. हर ओर वाम मोरचा नेता और समर्थक लाल झंडा लेकर जुलूस निकालते देखे गये और लाल गुलाल से होली खेली. इस चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम सामने आया है.

पूरे पश्चिम बंगाल में जहां तृणमूल कांग्रेस की आंधी चल रही है, वही सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. प्रतुल चक्रवर्ती, मैत्रेयी चक्रवर्ती,संजय पाठक, हिम्मत सिंह,जयदीप नंदी आदि जैसे तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज चुनाव में धाराशायी हो गये हैं. प्रतुल चक्रवर्ती को तृणमूल कांग्रेस जीत के बाद मेयर बनाना चाहती थी. प्रतुल चक्रवर्ती अब तक कोई भी चुनाव नहीं हारे थे. 24 नंबर वार्ड में इस बार माकपा के शंकर घोष ने उन्हें चारो खाने चित कर दिया. शंकर घोष 3305 मत पाने में कामयाब रहे, जबकि प्रतुल चक्रवर्ती को 3279 मत मिला. तृणमूल के एक और दिग्गज संजय पाठक की इस चुनाव में करारी हार हुई है. नगर निगम चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस बोर्ड में वह बस्ती विकास तथा बिल्डिंग विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों के एमआइसी रहे थे. वार्ड नंबर एक से उन्होंने पिछला चुनाव जीता था.

एक नंबर वार्ड इस बार अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है. उसके बाद संजय पाठक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये और वह पड़ोसी वार्ड नंबर तीन से चुनाव लड़ने चले गये. यहां उनकी करारी हार हुई. मात्र 825 मत पाकर वह तीसरे स्थान पर रहें. वाम मोरचा के सहयोगी दल आरएसपी के रामभजन महतो इस वार्ड से चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने भाजपा उम्मदवार श्याम सुंदर सिंह को हराया. 238 मत पाकर कांग्रेस के मेहेंदी हसन चौथे एवं अंतिम स्थान पर रहे. इस बार के चुनाव में भाजपा को भी तगड़ा झटका लगा है. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सिलीगुड़ी नगर निगम के 22 सीटों पर बढ़त हासिल की थी. ऐसा लग रहा था कि भाजपा अच्छा चुनाव परिणाम हासिल करेगी. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा के टिकट के लिए भी मारामारी की स्थिति थी, लेकिन चुनाव परिणाम सामने आने के बाद भाजपा को सिर्फ दो सीटें हासिल हुई. भाजपा की सबसे तगड़ी उम्मीदवार वार्ड नंबर नौ से सविता अग्रवाल चुनाव हार गयी है. उन्हें उनके ही देवर तृणमूल कांग्रेस के प्रदीप कुमार गोयल ने 70 मतों से पराजित किया.

सविता अग्रवाल भी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गयी थी. इससे पहले कांग्रेसी वार्ड में वह चेयरमैन तथा डिप्टी मेयर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी थी. सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 17 सीटें मिली है. कांग्रेस को चार तथा भाजपा को दो सीटों से संतोष करना पड़ा है. वार्ड नंबर एक से भाजपा की मालती राय जितने में कामयाब रही है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की लालपरी राउत को हराया. वार्ड नंबर दो से माकपा की स्निग्धा हाजरा की जीत हुई है. उन्हाेंने तृणमूल कांग्रेस की गार्गी चटर्जी को हराया है. वार्ड नंबर चार से वाम मोरचा के परिमल मित्र जितने में कामयाब रहे. वाम मोरचा को छह नंबर वार्ड में भी सफलता हासिल हुई है.

यहां से अशोक भट्टाचार्य जीतने में कामयाब रहे हैं. वाम मोरचा की बोर्ड बनने की स्थिति में वह ही मेयर होंगे. इसके अलावा वाम मोरचा को वार्ड नंबर 10, 19, 22, 24, 26, 28, 29 में सफलता हासिल हुई है. वार्ड नंबर दो से माकपा की पुरानी नेता स्निग्धा हाजरा जीतने में कामयाब रही है. जबकि 29 नंबर वार्ड से माकपा नेता शरद्विंदु चक्रवर्ती उर्फ जय चक्रवर्ती ने भी जीत हासिल की है. 10 नंबर वार्ड से माकपा के कमल अग्रवाल जीते हैं. वार्ड नंबर 31, 32, 33, 34, 39, 42, 43, 44 तथा 45 से वाम मोरचा उम्मीदवारों की जीत हुई है.

वार्ड नंबर 45 से माकपा उम्मीदवार तथा पूर्व मेयर नुरुल इस्लाम चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. वार्ड नंबर 46 में तृणमूल के एक और दिग्गज जयप्रकाश चौहान उर्फ हिम्मत सिंह की हार हुई है. वार्ड नंबर 46 से माकपा के मुकूल सेनगुप्ता चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. वार्ड नंबर 47 से माकपा की रीत कुजूर जीत गयी है. तृणमूल कांग्रेस को वार्ड नंबर नौ, 11, 12, 13, 14 में कामयाबी हासिल हुई है. तृणमूल के दिग्गज नेता नांटु पाल अपनी पत्नी सहित चुनाव जीत गये हैं. 12 नंबर वार्ड से नांटु पाल की जीत हुई है, जबकि उनकी पत्नी मंजुश्री पाल 11 नंबर वार्ड से चुनाव जीती है. वार्ड नंबर 15 में निर्दलीय उम्मीदवार अमु दा की जीत हुई है. वार्ड नंबर 17 से उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव की पत्नी शुक्ला देव भी चुनाव जीतने में सफल रही हैं. तृणमूल को वार्ड नंबर 20 तथा 23 में भी सफलता मिली है.

वार्ड नंबर 23 से कृष्णचंद्र पाल चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. 27 नंबर वार्ड से प्रशांत चक्रवर्ती, 30 नंबर से स्वपन दास, 35 नंबर से चांदनी मंडल, 36 नंबर से आलोक भक्ता तथा 37 नंबर से रंजन शीलशर्मा तृणमूल की ओर से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. तृणमूल की ओर से वार्ड नंबर 38 से गुलाल दत्ता, 40 से सत्यजीत अधिकारी तथा 41 से रवि राय ने बाजी मारी है. कांग्रेस को वार्ड नंबर सात में सफलता हासिल हुई है. कांग्रेस कुल चार सीट जीतने में कामयाब रही है. वार्ड नंबर सात से पिंटु घोष, 16 से सुजय घटक, 21 से स्वपन दत्ता तथा 25 से सीमा साहा चुनाव जीतने में सफल रही. भाजपा को वार्ड नंबर एक के अलावा वार्ड नंबर आठ में सफलता मिली. वार्ड नंबर आठ से खुशबू मित्तल चुनाव जीतने में कामयाब रही.

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