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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में हुआ करोड़ों का घोटाला
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप डीवाइएफआइ नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 24 से माकपा उम्मीदवार शंकर घोष ने लगाया है. वह यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के तहत सॉलिड […]
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप डीवाइएफआइ नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 24 से माकपा उम्मीदवार शंकर घोष ने लगाया है. वह यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत जनवरी 2012 के बाद से कोई हिसाब-किताब नगर निगम के पास नहीं है. जाहिर है इस मामले को लेकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है. श्री घोष ने बताया कि उन्होंने 24 नंबर वार्ड में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत मिलने वाले रुपये तथा उसके खर्च की जानकारी प्राप्त करने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम के स्टेट पब्लिक इनफॉरमेशन अफसर को एक आवेदन देकर सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी. उन्होंने यह आवेदन 12 जून 2014 को दिया था. उन्होंने बताया कि अपने आवेदन में उन्होंने वार्ड नंबर 24 में वर्ष 2013-14 के दौरान सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत प्राप्त होने वाली राशि तथा इस राशि के खर्चे की जानकारी मांगी थी.
इसके अलावा इस योजना के तहत बचे रुपये को किस बैंक में रखा गया है और कितनी धनराशि खाते में है, इसकी जानकारी भी मांगी गयी थी. उनके इस आवेदन पर आरटीआइ कानून के तहत उन्हें जो जवाब दिया गया है, उसको देख कर वह सन्न हैं. इस जवाब से साफ जाहिर है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है. उन्हें जो जवाब मिला है,उसमें बताया गया है कि जनवरी 2012 के बाद से सिलीगुड़ी नगर निगम के पास इस मद में कोई हिसाब-किताब नही है. जिसकी वजह से वर्ष 2013-14 के आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जा सकती. श्री घोष ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम में कुल 47 वार्ड है और इस योजना के तहत हर घर से प्रति महीने 10 रुपये की वसूली की जाती है. अकेले 24 नंबर वार्ड में ही हजारों घर है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी 47 वार्डो में कितने घर होंगे और कितने रुपये की वसूली हुई होगी. श्री घोष ने आगे बताया कि इस योजना का संचालन सिलीगुड़ी नगर निगम के कचरा एवं सफाई विभाग द्वारा किया जाता है. इस विभाग के एमआइसी काजल चंदा थे. उनके तथा विभिन्न वार्डो के काउंसिलरों एवं बोरो कमेटी के चेयरमैनों के देखरेख में योजना का संचालन होता था. करोड़ों रुपये की वसूली तो की गयी, लेकिन किस मद में इसे खर्च किया गया, इसका हिसाब-किताब किसी के पास नहीं है. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.
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