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टेबल टेनिस खिलाड़ी व कोच भारती घोष को मिलेगा बंगरत्न पुरस्कार

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में टेबल टेनिस की सूत्रधार भारती घोष को सोमवार को उत्तरबंग उत्सव समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगरत्न पुरस्कार से सम्मानित करंगी. अठारोखाई में आयोजित होने वाले 9वां उत्तरबंग उत्सव समारोह मंच से मुख्यमंत्री भारती घोष को ये सम्मान सौंपेगी. इसी के साथ उत्तर बंगाल के 8 जिलों से कला, शिक्षा व […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में टेबल टेनिस की सूत्रधार भारती घोष को सोमवार को उत्तरबंग उत्सव समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगरत्न पुरस्कार से सम्मानित करंगी. अठारोखाई में आयोजित होने वाले 9वां उत्तरबंग उत्सव समारोह मंच से मुख्यमंत्री भारती घोष को ये सम्मान सौंपेगी.

इसी के साथ उत्तर बंगाल के 8 जिलों से कला, शिक्षा व सामाजिक स्तर पर अपना परचम लहराने वाले आठ अन्य विभूतियों को बंगरत्न पुरस्कार से नवाजा जायेगा. पुरस्कार स्वरूप सभी विभूतियों को एक लाख रुपये तथा प्रशस्ति पत्र दिये जायेंगे. 76 वर्षीया भारती घोष को बंगरत्न पुरस्कार मिलने की घोषणा से शहर के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है.
भारती घोष लगभग पांच दशकों से टेबल टेनिस के साथ जुड़ी हुई हैं. भारती घोष से प्रशिक्षण प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी मांतू घोष(अर्जुन अवार्ड विजेता) सुब्रत राय देश-विदेश में अपने खेल हुनर का लोहा मनवा चुके हैं.
भारती घोष से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि छोटी सी उम्र से ही उनकी खेलकूद के प्रति गहरी दिलचस्पी थी. टेबल टेनिस को अपना पूरा जीवन सौंपते हुए उन्होंने शादी भी नहीं की. उन्होंने बताया कि जब वे कॉलेज जाती थी तो वे खिलाड़ियों को टेबुल टेनिस खेलते देखती थी.
उस वक्त सिलीगुड़ी में टेबल टेनिस में बच्चों के लिए कोई स्थान नहीं था. 1968 में उन्होंने भी टेबुल टेनिस खेलना शुरू किया. बाद में देशबंधु स्पोर्टिंग क्लब के साथ मिलकर वे बच्चों‍ को टेबल टेनिस सिखाने भी लगी. भारती घोष ने बताया कि 1971 में टेबल टेनिस में असम से स्टेट चैंपियन भी रह चुकी है. जिसके बाद उन्हें रेलवे में नौकरी मिली.
इसके अलावे कई बार दार्जिलिंग जिला से भी उन्होंने टेबल टेनिस की प्रतियोगिताओं में नामी-गिरामी खिलाड़ियों को पराजित किया है. उन्हें वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री के हाथों कंचनजंघा अवार्ड भी मिल चुका है. नॉर्थ बंगाल टेबल टेनिस एकेडमी की ओर से उन्हें जीवन स्मृति पुरस्कार भी दिया गया है.
अब उन्हें बंगरत्न मिलने जा रहा है. इसको लेकर भारती घोष के साथ शहर के अन्य टेबल टेनिस खिलाड़ियों में काफी उत्साह है. खास बात यह है कि 76 वर्ष की उम्र में भी भारती घोष ने रिटायरमेंट लेने के बजाय टेबल टेनिस के नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही हैं. अभी भी भारती घोष सप्ताह में 5 दिन अमित अग्रवाल टेबल टेनिस अकादमी में बच्चों को प्रशिक्षण देने जाती है.
इसके अलावे सुबह के वक्त देशबंधु पाड़ा के अवन ठाकुर सरणी स्थित टेबल टेनिस अकादमी में जरूतमंद खिलाड़ियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का काम कर रही है. भारती घोष ने बताया कि अभी तक उन्होंने अपने हाथों से 15 सौ से दो हजार टेबल टेनिस खिलाड़ियों को तैयार किया है. जिसने राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
बंगरत्न पुरस्कार से सम्मानित होनेवाली अन्य विभूतियां
भारती घोष के साथ ही शिक्षा, कला, साहित्य और सामाजिक कार्यों में बेहतरीन काम करनेवाले अन्य आठ लोगों को भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगरत्न पुरस्कार से नवाजेंगी. सम्मानित होने वालों में अलीपुरदुआर जिले से एक नाम राजेन्द्र नाथ दास का है. राजेन्द्र नाथ दास पूर्व शिक्षक रहने के साथ एक समाजसेवी हैं.
वहीं कूचबिहार से शिक्षक ज्योर्तिमय राय, दक्षिण दिनाजपुर से लेखक विश्वजीत लाहा, दार्जिलिंग जिले से बॉडी बिल्डर गणेश बहादुर गिरी, जलपाईगुड़ी जिले से इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा एडिटर इन चीफ इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्स डॉ शुभम मजूमदार, कालिंगपोंग जिले की शिक्षक शिक्षक हेमलता प्रधान, मालदा से चिकित्सक डॉ द्विजेन्द्र सरकार, उत्तर दिनाजपुर जिले से एसोसिएट प्रोफेसर ममता कंडू को बंगरत्न सम्मान मिलेगा.

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