उदासीन दिख रहा है प्रशासन का रवैया
दुर्गापुर : राज्य में तम्बाकू युक्त गुटखा एवं पान मसाला को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद गुटखा का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिल्पांचल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से गुटखे की बिक्री जारी है.
गुटखा खाना और दूसरों को खिलाना अब फैशन बन गया है. राज्य सरकार द्वारा गुटखा व तंबाकू युक्त पान मसाला आदि पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भी इसकी खरीद-बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है. गुटखा पर प्रतिबंध की घोषणा कारगर नहीं हो पा रही है.
सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद भी गुटखा की बिक्री हो रही है. प्रतिबंध के बाद इलाके में गुटखा का खुलेआम कारोबार चल रहा है. गुटखा के विक्रेता प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम कारोबार कर रहे हैं. इलाके के अधिकांश छोटी-बड़ी किराना दुकान समेत परचून की दुकानों में आसानी से लोगों को तम्बाकू युक्त गुटखा उपलब्ध है. पान की दुकानों में भी गुटखे की लड़ियां सजा के रखे हुए देखा जा रहा है.
हालांकि कुछ एक इलाके में प्रशासन की नजर से बचाकर इसकी बिक्री की जा रही है. ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने गुटखा और तंबाकू या निकोटिन वाले पान-मसाला के उत्पादन और बिक्री पर सात नवंबर से एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. दुर्गापुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव भोला भगत ने कहा कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सरकार का कदम सही है. बस जरूरी है इसका सख्ती से पालन कर बिक्री पर रोक लगायी जाए.
तंबाकू उत्पादों पर रोक के साथ-साथ इससे होने वाले नुकसान की जानकारी देने के लिये जागरुकता अभियान चलाने की आवश्यकता है. निर्णय का सख्ती से पालन नहीं होने के कारण इसकी बिक्री खुलेआम हो रही है. जिससे युवा पीढ़ी का करियर बर्बाद हो रहा है.