तीस्ता व महानंदा के पानी को रोकने के लिए राज्य सरकार की पहल
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लालटंग चमकडांगी वन बस्ती में बनेगा टूरिज्म डेस्टिनेशन प्वाइंट
तीस्ता व महानंदा के पानी को रोकने के लिए राज्य सरकार की पहल मंत्री ने कहा, गाजलडोबा में फरवरी में चालू होगा हाथी सफारी सिलीगुड़ी : शहर से 20 किलोमीटर दूर हरे-भरे जंगलों के बीच डाबग्राम -1 के लालटंग चमकडांगी वनबस्ती इलाके में तीस्ता नदी के कटाव को रोकने के लिए तीन करोड़ आठ लाख […]
मंत्री ने कहा, गाजलडोबा में फरवरी में चालू होगा हाथी सफारी
सिलीगुड़ी : शहर से 20 किलोमीटर दूर हरे-भरे जंगलों के बीच डाबग्राम -1 के लालटंग चमकडांगी वनबस्ती इलाके में तीस्ता नदी के कटाव को रोकने के लिए तीन करोड़ आठ लाख रुपये की लागत से बांध व गार्ड वाल तैयार किया जा रहा है.
मार्च तक इसका निर्माण कार्य समाप्त करने का निर्देश दिया गया है. गुरुवार को राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने इसके निर्माण कार्य का शिलान्यास किया. वन बस्ती इलाकों में रहने वाले बेरोजगार युवकों को राज्य पर्यटन विभाग व वेस्ट बंगाल टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड चमकडांगी इलाके का कायाकल्प करने की भी योजना बना रही है. ज्ञात हो कि अक्सर बारिश के समय लालटंग चमकडांगी वनबस्ती इलाकों में महानंदा व तीस्ता का पानी प्रवेश कर जाता है. उस इलाके में 30 से 35 परिवारों का निवास है. विधायक का पदभार संभालने के बाद गौतम देव ने ही उस इलाके में लाइट की व्यवस्था की थी.
जिसके बाद लोगों ने बांध निर्माण की मांग की थी. अब करोड़ों रुपये खर्च करके चमकडांगी में 900 मीटर बांध तथा लालटंग में 350 मीटर गार्डवाल बनाया जा रहा है. शिलान्यास के बाद मंत्री गौतम देव ने पत्रकारों को बताया कि लालटंग में निर्माण गार्ड वाल के लिए 1 करोड़ 12 लाख तथा चमकडांगी में बांध बनाने पर 1 करोड़ 96 लाख की लागत आयेगी. उन्होंने बताया कि चार वर्ष पहले उनकी सरकार ने इलाके में बांध बनाने के पहले चरण काम शुरू किया था.
मंत्री ने कहा कि दूसरे फेज का काम समाप्त हो जाने के बाद वहां रहने वाले लोगों को बारिश के समय काफी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि यहां के हरियाली को देखते हुए चमकडांगी इलाके में टूरिज्म डेस्टिनेशन प्वाइंट तैयार किया जा रहा है. जहां 14 कॉटेज, छोटे-छोटे पार्क, कैंटिन, डायनिंग रूम की सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि इससे आने वाले दिनों में उस इलाके का विकास होगा.
मंत्री गौतम देव ने बताया चमंकडांगी में सफलता के बाद आने वाले दिनों में भी लालटंग इलाके में टूरिज्म डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट पर काम किया जायेगा. उन्होंने बताया कि यहां के लोगों के रोजगार का साधन दूध तथा कोयला है. इन दोनों गांव में पर्यटन केन्द्र तैयार होने से लोगों को रोजगार मिलेगा. मंत्री ने बताया कि सात लाख रुपये की लागत से बंगाल सफारी पार्क के पास एक कर्मतीर्थ तैयार किया जा रहा है. बंगाल सफरी घूमने आने वाले पर्यटक यहां खरीदारी कर सकते हैं.
जहां इन दोनों गांव के लोगों द्वारा निर्मित सामानों को भी स्थान दिया जायेगा. मंत्री ने बताया कि फरवरी महीने के पहले सप्ताह में गजलडोबा भोरेर आलो में हाथी सफारी को चालू किया जायेगा. इसके अलावे बंगाल सफारी पार्क होते हुए गजलडोबा तक के रास्ते को भी जल्द पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है.
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