मालदा : भारत बंद से इतर गुलेल बम की गुत्थी अभी तक पुलिस सुलझा नहीं पायी है. हालांकि जिला पुलिस और सीआईडी के अधिकारी इसकी छानबीन में जुटे हुए हैं. जिले के एसपी आलोक राजोरिया ने बताया कि भारत बंद के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि इन मामलों में 33 लोग नामजद हैं जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
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सुजापुर कांड को सुलझा नहीं पायी है पुलिस
मालदा : भारत बंद से इतर गुलेल बम की गुत्थी अभी तक पुलिस सुलझा नहीं पायी है. हालांकि जिला पुलिस और सीआईडी के अधिकारी इसकी छानबीन में जुटे हुए हैं. जिले के एसपी आलोक राजोरिया ने बताया कि भारत बंद के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को […]
हमलावरों की धर-पकड़ चल रही है. हालांकि गुलेल बम की गुत्थी अभी भी जिला पुलिस और यहां तक कि सीआईडी के लिये रहस्य बनी हुई है. गौरतलब है कि सुजापुर की घटना के चार रोज पहले ही मानिकचक थाना के सिंहपाड़ा के एक आमबागान में गुलेल बम के विस्फोट में दो लोग जख्मी हो गये थे. उनके इलाज के बाद उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है.
आमबागान से पुलिस ने शीशे के मार्बल की आकृति के बम और कुछ गुलेल बरामद किये हैं. उसके बाद ही सुजापुर ग्राम पंचायत अंतर्गत नयमौजा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बंद समर्थकों का उपद्रव शुरु हुआ. उस दौरान पुलिस पर बड़े पैमाने पर हुए हमलों के पीछे गुलेल बम बनाने वाले गिरोह का हाथ होने की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा रहा है.
इस बीच पुलिस को जांच में सुजापुर कांड के बारे में सीसीटीवी और वीडियो फुटेज समेत कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. उससे पता चल रहा हैकि बुधवार को बंद के दौरान गिरोह की मंशा बड़े पैमाने पर हंगामा और हमले करने की तैयारी थी. हालांकि शनिवार को नये सिरे से किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है.
उल्लेखनीय है कि बंद के रोज कई वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के अलावा उनमें आग लगायी गयी थी जिनमें कुछ पुलिस वाहन भी शामिल थे. हमलों में पांच पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए थे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसी तरह से कई साल पहले भी कालियाचक के चौरंगी इलाके में लाखों लोगों का जमावड़ा हुआ था जिस दौरान समाज विरोधियों ने कालियाचक थाने पर हमला किया था. उस समय भी पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के अलावा उनमें आग लगायी गयी थी.
यहां तक कि थाने में रखी पुलिस की राइफल भी लूटी गयी थी. प्राथमिक जांच के अनुसार बुधवार की भी घटना सुनियोजित हो सकती है. सीआईडी जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि तोड़फोड़ और आगजनी के पीछे किसी बड़े शातिर दिमाग का हाथ है जहां से उपद्रवियों को आदेश दिया जा रहा था. पुलिस ने बताया है कि सुजापुर कांड के बाद उपद्रवी कालियाचक से कहीं बाहर जाकर भूमिगत हो गये हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिये पुलिस छापेमारी कर रही है.
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