देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे 50 पक्षी विशेषज्ञ
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राजाभातखावा में पक्षी उत्सव का शुभारंभ
देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे 50 पक्षी विशेषज्ञ यहां के जंगल में 516 किस्म के पक्षियों की हो चुकी है पहचान कालचीनी : अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित राजाभातखावा के एनआईसी में चार दिवसीय पक्षी उत्सव का शुभारंभ किया गया. सोमवार को एक अनुष्ठान के माध्यम से द्वीप प्रज्वलन के साथ उत्सव के […]
यहां के जंगल में 516 किस्म के पक्षियों की हो चुकी है पहचान
कालचीनी : अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित राजाभातखावा के एनआईसी में चार दिवसीय पक्षी उत्सव का शुभारंभ किया गया. सोमवार को एक अनुष्ठान के माध्यम से द्वीप प्रज्वलन के साथ उत्सव के कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. कार्यक्रम में नार्थ बंगाल के प्रमुख वाइल्ड लाइफ सीसीएस उज्जवल घोष, बक्सा बाघ परियोजना के फील्ड डायरेक्टर शुभंकर सेनगुप्ता, स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के सदस्य अनिमेष बोस और विश्वनाथ चक्रवर्ती, इसके अलावे वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ बक्सा बाघ परियोजना के अधीन समस्त रेंज के रेंजर उपस्थित रहे.
मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष पक्षी उत्सव में शामिल होने देश के विभिन्न कोने से कुल 50 पक्षी विशेषज्ञ राजाभातखवा में पहुंचे. जिनमें से कुल 11 मुख्य विशेषज्ञ के रूप में कार्य करेंगे. यह उत्सव में आगामी 4 दिनों तक पक्षी विशेषज्ञ बक्सा जंगल के विभिन्न हिस्से में जाकर पक्षियों को लिखने का कार्य करेंगे एवं नई पक्षियों पर जानकारी हासिल करेंगे. इस विषय पर बाक्सा बाघ परियोजना के फील्ड डायरेक्टर शुभंकर सेन गुप्ता ने बताया कि यह हमारा चौथा पक्षी उत्सव है.
इससे पहले यहां तीन बार यह उत्सव हो चुका है एवं इस वर्ष देश के विभिन्न प्रांत से कुल 50 पक्षी विशेषज्ञ हमारे इस उत्सव में शामिल हुए हैं जिनमें से कुल 11 लोग मुख्य विशेषज्ञ के रूप में कार्य करेंगे. इसके अलावा हमारे वन विभाग के कर्मचारी भी इस उत्सव में शामिल है उन्होंने कहा इस वर्ष खाश करके 6 प्रकार के रूट बनाई गई है और इसी रूट से पक्षी विशेषज्ञ जंगलों में चलकर जाएंगे और पक्षी देखने का कार्यक्रम करेंगे.
उसने कहा यह कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि बाक्सा के जैव विविधता में पक्षियों का जीवनी एक विशेष गरूत्वपूर्ण है. हमारे यहां कुल मिलाकर 516 किस्म के पक्षियों का अब तक पहचान किया जा चुका है और पिछले वर्ष भी चार नई पक्षियों का पहचान विशेषज्ञ ने ढूंढ निकाला था. इसके अलावा यहां के लोगों को जैवविविधता के महत्व को समझाना यह भी बेहद जरूरी विषय है.
उत्सव में हिस्सा लेने अंडमान निकोबार से आए हुए पार्थसारथी गोपालायन ने बताया कि बक्सा में यह हमारा दूसरा ट्रिप है. यहां हम पिछले बार भी विभिन्न किस्म के पक्षियों को देखा और आशा करता हूं कि इस बार भी हमें यहां कुछ खास देखने को मिले. उन्होंने कहा सरकार व वन विभाग का बहुंत ही अच्छा कार्यक्रम हैं एवं लोगों को यह जानना बेहद जरूरी है कि कैसे पक्षी हमारे पर्यावरण में वातावरण को बनाए रखते हैं एवं मैं आशा करूंगा कि ऐसे कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्से से और भी लोग आए और हमारे परिवेश में पक्षियों के नजारे को देखकर यह जाने की परिवेश के लिए पक्षियों की क्या भूमिकाएं है.
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