नागराकाटा : डुआर्स चाय बागान के इतिहास में पहली बार अपनी आवाज बागान मालिक और सरकार तक पहुंचाने के लिए चाय श्रमिकों ने चुनाव के माध्यम से अपना नेता चुना. सोमवार को नागराकाटा ब्लॉक स्थित ग्रासमोड़ चाय बागान में एक गेट मीटिंग माध्यम बुलायी गयी. इस बैठक में श्रमिकों नेता के चयन के लिए मतदान प्रक्रिया अपनायी गयी.
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राजू घले डुआर्स चाय बागान के यूनिट सचिव निर्वाचित
नागराकाटा : डुआर्स चाय बागान के इतिहास में पहली बार अपनी आवाज बागान मालिक और सरकार तक पहुंचाने के लिए चाय श्रमिकों ने चुनाव के माध्यम से अपना नेता चुना. सोमवार को नागराकाटा ब्लॉक स्थित ग्रासमोड़ चाय बागान में एक गेट मीटिंग माध्यम बुलायी गयी. इस बैठक में श्रमिकों नेता के चयन के लिए मतदान […]
मतदान प्रक्रिया में चाय बागान के 12 श्रमिक नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी रखी. कुल 1200 से अधिक चाय श्रमिकों में से 696 चाय श्रमिकों ने मतदान में भाग लिया. इसमें 15 मत रद्द हो गये. कुल 681 मतों की गिनती के बाद तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन के राजू घले को यूनिट सचिव के रूप में सबसे ज्यादा 408 वोट मिले, जबकि उनके निकटवर्ती नेता संतोष भूजेल को 189, शेखर भुजेल को 34 वोट से संतोष करना पड़ा.
चुनाव परिणाम आने के बाद सभी ने एक दूसरे को रंग लगाया और बधाई दी. साथ ही चाय बागान को सुचारू रूप से संचालन करने में हर प्रकार से मालिक को सहयोग करने का भी आश्वासन भी दिया. चुनाव जीतने के बाद राजू घले ने कहा कि मुझे श्रमिक नेता के तौर पर चुनने के लिए मैं सभी श्रमिकों को धन्यवाद देता हूं.
मैं आने वाले दिनों में चाय बागान के हित और चाय श्रमिकों के अधिकार के लिए कार्य करूंगा. जल्द ही हम एक कमेटी का गठन करेंगे और कार्ययोजना तैयार करेंगे. तृणमूल के श्रमिक नेता एवं जलपाईगुड़ी जिला परिषद मेंटर अमरनाथ झा ने कहा कि बहुत ही खुशी का पल है कि आज श्रमिकों ने खुद अपना नेता चुना है. इस चुनाव से स्पष्ट हो गया है कि श्रमिक तृणमूल श्रमिक संगठन को अपना समझते हैं.
किसी भी पार्टी का श्रमिक संगठन क्यों ना हो, उसे श्रमिक के हित के लिए काम करने वाला संगठन होना चाहिए. राजू घले को मैं दिल से बधाई देता हूं और श्रमिक के हितों के लिए कार्य करने का सुझाव देता हूं. आने वाले दिनों में अन्य चाय बागानों में भी चुनाव के माध्यम से चाय बागान यूनिट नेता का चयन होना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि श्रमिकों का मजदूरी, बीएफ, ग्रेजुएटी मिलाकर 8 करोड़ से ज्यादा बकाया राशि भुगतान नहीं कर पाने के कारण 3 जुलाई 2017 को बिना कोई नोटिस दिये इस चाय बागान को बंद कर प्रबंधक चले गये थे. चाय बागान की समस्या का समाधान करने के लिए कई बार बैठक करने के बाद भी चाय बागान कभी खुलता कभी बंद हो जाता था.
श्रमिकों की मांग पर टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया डुआर्स की विशेष पद्दक्षेप पर त्रिपक्षीय वार्ता करते हुए 4 जुलाई, 2019 को चाय श्रमिकों की मांग पर चाय बागान में नया मालिक को हस्तांतरण कर दिया गया. नये मालिक ने 4 जुलाई, 2019 को जब चाय बागान को खोला, उस समय से अब तक यहां कोई श्रमिक संगठन नहीं था. ऐसे में श्रमिकों को अपनी बात सामूहित तौर पर मालिक और सरकार के सामने रखने में परेशानी होती थी. सोमवार को श्रमिकों ने चुनाव के माध्यम से अपना नेता चुन लिया है.
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