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चाय श्रमिकों की भावनाओं से खेल रहीं केंद्र व राज्य सरकारें

बिन्नागुड़ी : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (अभाआविप) के जलपाईगुड़ी जिला सभापति राजेश लाकड़ा उर्फ टाइगर ने केंद्र और राज्य सरकारों को चाय श्रमिकों के जज्बातों से खेलने का आरोप लगाया है. मंगलवार को पत्रकारों को जारी एक वक्तव्य में राजेश लाकड़ा उर्फ टाइगर ने कहा है कि हाल के दिनों में देख रहा हूं […]

बिन्नागुड़ी : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (अभाआविप) के जलपाईगुड़ी जिला सभापति राजेश लाकड़ा उर्फ टाइगर ने केंद्र और राज्य सरकारों को चाय श्रमिकों के जज्बातों से खेलने का आरोप लगाया है. मंगलवार को पत्रकारों को जारी एक वक्तव्य में राजेश लाकड़ा उर्फ टाइगर ने कहा है कि हाल के दिनों में देख रहा हूं कि राइडर्स बिल्डिंग और संसद चाय बागान के श्रमिकों के प्रति वादाखिलाफी की है.

सांसद सिर्फ संसद में आवाज उठा रहे हैं, वही राज्य सरकार भी सिर्फ बोल रही. केंद्र और राज्य सरकारें चाय श्रमिकों के जज्बातों से सिर्फ खेल रही है. अब तक किसी भी सरकार ने बंद चाय बागान के श्रमिकों के लिए कुछ भी नहीं किया है. चुनाव के समय सभी कहते हैं कि मेरी सरकार बनी तो सभी बंद चाय बागानों को खोल दिया जायेगा, लेकिन खुलने के बदले बागान एक-एक कर बंद हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल के चाय बागानों से युवक-युवतियां पलायन कर रही हैं, उनके सामने रोजी रोटी का सवाल है. बेरोजगारी तथा स्वास्थ्य की समस्याएं बंद चाय बागानों में और बड़ी होती जा रही है. ऐसे में मानव तस्करी बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि सांसद चाय श्रमिकों के अधिकार के रक्षा के लिए संसद में विधेयक क्यों नहीं ला रहे हैं. चाय बागान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. जिस बागान के श्रमिक अधिकार मांगते हैं उस बागान के मालिक चाय फैक्ट्री में ताला लटका कर भाग जाते हैं. बहुत सारे चाय बागान मालिक श्रमिकों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लेकर भाग गये हैं. केंद्र सरकार हो चाहे राज्य सरकार कठोर कानून बनाकर उनको जेल में क्यों नहीं डाल रही है. उन्होंने कहा कि अब अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद वृहद आंदोलन करेगा.

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