गतिरोध के चलते प्रबंधनवाले ताला जड़कर चले गये, चिंता में श्रमिक
अलीपुरद्वार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल में आगमन के रोज ही सोमवार को डुआर्स का तोर्षा चाय बागान बंद हो गया. बोनस को लेकर श्रमिक संगठनों के साथ मतभेद के मद्देनजर चाय बागान प्रबंधन के लोग बिना नोटिस जारी किये कार्यालय में ताला मारकर चले गये. इसके प्रतिवाद में बागान श्रमिकों ने इंडो-भूटान सार्क रोड पर अवरोध कर दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही जयगांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची एवं परिस्थिति के नियंत्रण में लाने के प्रयास में जुट गयी. गौरतलब हो कि सुबह 8:30 बजे से शुरू हुए अंतराष्ट्रीय सार्क रोड देर शाम तक बंद रहा. इसके कारण गाड़ियों की कतार लगभग 4 किलोमीटर दूर दलसिंगपारा तक पहुंच गयी थी. 24 अक्टूबर को असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, नार्थ बंगाल के कार्यालय में बोनस को लेकर बैठक की घोषणा के बाद श्रमिकों ने रास्ता से अवरोध हटाया.
इधर, पूरे दिन बागान बंद होने की सूचना पाकर समस्त श्रमिकों के चहरे के पीछे बस मायूसी देखी गयी. श्रमिकों ने दुःख जाहिर करते हुए बताया कि दुर्गा पूजा से पहले विभिन्न चाय बागानों में बोनस दिया गया, लेकिन हमें बोनस नहीं मिला. विगत 28 सितंबर को इस विषय पर डुआर्स कन्या में बैठक हुई थी, जहां श्रमिकों द्वारा 18.5% बोनस की मांग की गयी थी, लेकिन बागान मैनेजमेंट ने श्रमिकों की मांग को अस्वीकार करते हुए 8.5% बोनस देने की बात कही थी. हालांकि उस बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ, लेकिन कहा गया था कि दीपावली से पहले बोनस को लेकर बैठक होगी.
श्रमिकों ने कहा कि सोमवार को सिलीगुड़ी में बैठक होने की बात थी, लेकिन सोमवार को सिलीगुड़ी में ज्वाइंट लेबर कमिश्नर के दफ्तर में बोनस को लेकर बैठक होने वाली थी. लेकिन आज श्रमिकों ने देखा कि बागान प्रबंधन के अधिकारी दफ्तर छोड़कर चले गये हैं. यह चाय बागान बंद होने से यहां कार्यरत 750 श्रमिक और उनके परिवारों का भविष्य अनिश्चित हो गया है.
इस संबंध में सीटू नेता बिकाश महली ने बताया कि इस वर्ष डुआर्स के चाय बागानों में बोनस का फैसला जिस किस्म से हुआ है, ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा. केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार कितना आशीर्वाद चाय बागानों के मालिकों के ऊपर है. इस कारण बागान मालिक मनमानी पर उतर गये हैं. वे मनचाहा हिसाब से श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं.