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श्रमिकों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरूंगा : बारला

बिन्नागुड़ी : जलपाईगुड़ी जिले के बानरहाट थाना अंतर्गत बिन्नागुड़ी चौक से गयेरकाटा रोड स्थित कैथोलिक चर्च में बानरहाट थाना इलाके के लगभग दर्जनों चाय बागान के अलावा बीरपारा, बानरहाट, हासीमारा, मदारीहाट, गयेरकाटा एवं नागराकाटा इलाके से आए चाय श्रमिकों ने अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद जॉन बारला का भव्य स्वागत किया. चर्च कमेटी की […]

बिन्नागुड़ी : जलपाईगुड़ी जिले के बानरहाट थाना अंतर्गत बिन्नागुड़ी चौक से गयेरकाटा रोड स्थित कैथोलिक चर्च में बानरहाट थाना इलाके के लगभग दर्जनों चाय बागान के अलावा बीरपारा, बानरहाट, हासीमारा, मदारीहाट, गयेरकाटा एवं नागराकाटा इलाके से आए चाय श्रमिकों ने अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद जॉन बारला का भव्य स्वागत किया.

चर्च कमेटी की ओर से अध्यक्ष राकेश बारा, उपाध्यक्ष सोयम लकड़ा, विवेक तेली, रोमिनस एक्का विशेष रूप से उपस्थित थे. इस दौरान आदिवासियों द्वारा सांस्कृतिक गीत और नृत्य आदि से सांसद का स्वागत किया गया.
अलग-अलग जगहों से आए प्रतिनिधियों ने गुलदस्ता देकर सांसद का स्वागत किया. सांसद के स्वागत के दौरान आदिवासी लड़कियां परंपरागत वेशभूषा में पहुंची थी. इस दौरान सांसद ने संसद में चाय श्रमिकों के हक की आवाज उठाने के लिए विशेष रूप से उन्हें धन्यवाद दिया.
स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए जॉन बारला ने कहा कि जिस आशा और विश्वास के साथ मुझे आप लोगों ने सांसद बनाया है, उस उम्मीद और विश्वास को बनाए रखूंगा. श्रमिकों के हक के लिए जब तक रहूंगा, आंदोलन करता रहूंगा.
मेरे जीवन का उद्देश्य है कि चाय श्रमिकों के सम्मानजनक जीने के लिए दैनिक मजदूरी वृद्धि, जमीन का पट्टा, पीएफ ग्रेच्यूटी सहित ट्रैक्टर और ट्रक में आदिवासी बच्चों को भेड़-बकरी की तरह बैठाकर स्कूल ले जाया जाता है.
उसकी जगह सम्मान के साथ सभी चाय बागानों से बस सेवा के माध्यम से बच्चों को स्कूल पहुंचाया जाए. इसके लिए अगर मुझे अपने सरकार के साथ भी लड़ना पड़े तो चाय श्रमिकों के हक को वहां से लड़कर मांग करूंगा.
श्री बरला ने कहा कि मेरे जीवन का उद्देश्य है कि चाय श्रमिकों का विकास हो. क्योंकि मैंने श्रमिक का जीवन जिया है. मेरे पिता भी मुझे अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मुझे अपनी पढ़ाई को बीच में रोकना पड़ा. मैं एक ट्रैक्टर के खलासी से अपने जीवन की शुरुआत की है.
श्रमिकों के हक की लड़ाई के लिए मुझे जेल भी भेजा गया. लेकिन मैंने अपने मन से उस भय को निकाल दिया, जो मुझे अपने हक के लिए लोगों के अधिकार के लिए लड़ने से रोक रहा था. मैं लोगों से आह्वान करता हूं कि इस इलाके के सभी आदिवासी युवक-युवतियां अपने मन से डर को निकाले और अच्छी सोच राष्ट्रवादी सोच के साथ आगे बढ़े.
अच्छी शिक्षा अपने बच्चों को दिलाएं ताकि आपके बच्चे भी डॉक्टर इंजीनियर बड़े अधिकारी के पदों तक ले जा सके. आप लोगों का आशीर्वाद ही है जो मैं एक चाय मजदूर ट्रैक्टर का खलासी से जीवन का संघर्ष शुरू किया और आज सांसद के रूप में आपलोगों के बीच हूं. मैंने इतनी शिक्षा तो जरूर ली है, जिससे मुझे कोई बहका और ठग नहीं सकता.
मैं अपने लिए नहीं जीता. अगर अपने लिए मैं जीता तो मुझे विरोधी दलों से 30 करोड़ रुपए तक और लग्जरी लाल बत्ती गाड़ी तक के ऑफर दिए गए थे. लेकिन मैंने उसे ठुकरा दिया. मेरा जीवन जब तक रहेगा चाय श्रमिकों के हक के लिए लड़ता रहूंगा. स्वागत भाषण के दौरान श्री बारला ने वर्तमान सरकार के ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा डेढ़ वर्ष और बच गए हैं.
आप सब अगर नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ रहेंगे तो किसी भी दल के लिए जिंदाबाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. श्रमिकों का हक आपके हाथ में है. आज तक की जितनी राजनीतिक दलों ने सत्ता संभाली. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह मंत्र है, सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास. इसी मंत्र को लेकर चलना है. जीवन में अपने हक की लड़ाई लड़ के हक को छीन कर लेना है.

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