नागराकाटा : नागराकाटा में एक बार फिर भूमि आंदोलन शुरू हो गया है. आदिवासी विकास परिषद के झंडे तले आदिवासी समुदाय नवोदय विद्यालय के लिए राज्य सरकार की ओर से दी गयी 60 बीघा जमीन के खिलाफ गोलबंद हुआ है. जब राज्य सरकार की ओर से जमीन पर विद्यालय निर्माण के लिए मंजूरी दी गयी थी तभी भगतपुर चाय बागान के श्रमिकों ने मालिकाना हक जताते हुए मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था.
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नवोदय विद्यालय की जमीन को लेकर फिर आंदोलन शुरू
नागराकाटा : नागराकाटा में एक बार फिर भूमि आंदोलन शुरू हो गया है. आदिवासी विकास परिषद के झंडे तले आदिवासी समुदाय नवोदय विद्यालय के लिए राज्य सरकार की ओर से दी गयी 60 बीघा जमीन के खिलाफ गोलबंद हुआ है. जब राज्य सरकार की ओर से जमीन पर विद्यालय निर्माण के लिए मंजूरी दी गयी […]
बाद में नागराकाटा विधायक सकुरा मुंडा के हस्तक्षेप और मुआवजे के आश्वासन से मामला शांत हुआ. लेकिन एक वर्ष बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत से एकबार फिर से आंदोलन शुरू हो गया है. रविवार को जमीन मालिकों ने एकत्रित होकर एक सभा की और मुआवजा नहीं मिलने तक सड़क पर उतर कर आंदोलन करने का निर्णय लिया.
जमीन के चारों और आदिवासी विकास परिषद का झंडा लगाते हुए संगठन के नेता जॉन बारला जिंदाबाद के नारे लगाये गये. आंदोलनकारी नेता टारजन महली ने कहा कि ब्रिटिश जमाने से यह जमीन हमारे पूर्वजों को खेतीबारी के लिए दी गयी है. यदि यहां विद्यालय की जगह मेडिकल कॉलेज बनता तो हम जरूर मदद करते, क्योंकि इलाके में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है.
भाजपा एक नंबर ब्लॉक के नेता बरुण मित्र ने कहा कि नवोदय विद्यालय केंद्र सरकार की अच्छी परियोजना है. लेकिन सरकार को किसानों के विषय में भी सोचना होगा. सरकार को जमीन मालिकों को मआवजा देना चाहिए. तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा कि यह जमीन खास जमीन है. राज्य सरकार ने नवोदय विद्यालय के लिए दी है. हम कृषकों के आंदोलन का सम्मान करते हैं, लेकिन समस्या को बातचीत से समाधान करना चाहिए. अगर विद्यालय दूसरे स्थान पर चला गया तो यहां के लोगों को ही नुकसान होगा.
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