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कालियागंज : केंद्र के सहयोग से राज्य सरकार तैयार करती है कालीन
धोकड़ा कालीन को मिल रहा अंतरराष्ट्रीय बाजार कालियागंज : राजनीतिक सत्ता संघर्ष में भले ही तृणमूल कांग्रेस केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोलने का कोई भी मौका चुकती नहीं है, लेकिन एक जगह केंद्र का राज्य सरकार के साथ बहुत ही सद्भावनापूर्ण और सृजनात्मक रिश्ता है. उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज प्रखंड अंतर्गत सुरसा […]
धोकड़ा कालीन को मिल रहा अंतरराष्ट्रीय बाजार
कालियागंज : राजनीतिक सत्ता संघर्ष में भले ही तृणमूल कांग्रेस केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोलने का कोई भी मौका चुकती नहीं है, लेकिन एक जगह केंद्र का राज्य सरकार के साथ बहुत ही सद्भावनापूर्ण और सृजनात्मक रिश्ता है.
उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज प्रखंड अंतर्गत सुरसा गांव की निवासी दिल्ली सरकार अपने परिवार सहित धोकड़ा कालीन बनाती हैं. इस काम में उनका पूरा परिवार सहयोग करता है.
यही नहीं, दिल्ली सरकार के उद्यम को राज्य सरकार भी पूरा-पूरा सहयोग दे रही है. यही वजह है कि कालियागंज का पारंपरिक कालीन देश के भीतर ही नहीं, बांग्लादेश में भी अपनी पैठ बना रहा है. कालीन बनाने में दिल्ली सरकार के साथ उनके पति मनतोष सरकार, बेटी रिता सरकार, पुत्रवधू अनामिका सरकार और पुत्र राजीव सरकार भी सहयोग करते हैं.
दिल्ली सरकार धोकड़ा कालीन के अलावा पटसन की विभिन्न शौकीन सामग्री भी तैयार करती हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव के समय जब एक खास रानीतिक दल के नेता उनके घर आये तो उन्होंने उन्हें बैठने के लिए धोकड़ा कालीन बिछायी.
हालांकि वह नेता कालीन की सुंदरता और बनावट से इतना ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने इस कालीन के बाजार के लिए सलाह देना शुरू किया. उन्होंने सलाह ही नहीं दी, बल्कि दिल्ली सरकार को बाजार में कैसे पैठ बनायी जाये, इसकी भी विस्तृत जानकारी दी. उसके बाद ही उनके यहां जिला उद्योग केन्द्र के प्रतिनिधि पहुंचे. उसी केन्द्र के माध्यम से यह कालीन राज्य सरकार की ओर से आयोजित छोटे उद्योग मेलों में प्रदर्शित होने लगा.
उसके बाद से दिल्ली सरकार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब तो इनके हाथ से बना कालीन बांग्लादेश के बाजार में भी छा रहा है. इसलिए दिल्ली सरकार के चेहरे पर संतोष और गर्वबोध का झलकता है. उन्होंने बताया कि केले के थम को काटकर उसमें से निकले रेशों से धागा बनाया जाता है. उसी धागे से यह धोकड़ा कालीन तैयार होता है.
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