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मौसंबी व स्ट्रॉबेरी की खेती से हो रहा अधिकतम लाभ
कुमारगंज : अन्य जिलों की तरह दक्षिण दिनाजपुर जिले में भी किसानों को धान और पाट की खेती में पहले जैसा लाभ नहीं रह गया है. इसलिए किसान विकल्प खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. जिले के कुमारगंज ब्लॉक अंतर्गत ताजपुर इलाके के किसान कलीमुद्दीन मंडल इन दिनों मौसंबी व स्ट्रॉबेरी की खेती कर […]
कुमारगंज : अन्य जिलों की तरह दक्षिण दिनाजपुर जिले में भी किसानों को धान और पाट की खेती में पहले जैसा लाभ नहीं रह गया है. इसलिए किसान विकल्प खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. जिले के कुमारगंज ब्लॉक अंतर्गत ताजपुर इलाके के किसान कलीमुद्दीन मंडल इन दिनों मौसंबी व स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छी-खासी आय कर रहे हैं.इस तरह से वे प्रखंड क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं.
कलीमुद्दीन मंडल ने बताया कि वह पिछले चार साल से फलों की खेती कर रहे हैं. धान और पाट की तुलना में मौसंबी और स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्हें काफी ज्यादा लाभ हो रहा है. हालांकि अंगूर की खेती में उन्हें प्रति किलो 40 से 50 रुपये से अधिक के दाम नहीं मिल रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने बीडीओ से लेकर कृषि अधिकारियों के साथ सलाह-मशविरा किया है.
उन्होंने बताया कि केवल दो छटांक जमीन में स्ट्रॉबेरी की फसल उगाकर उन्होंने पिछले साल आठ हजार रुपये की आय की है. धान की फसल से तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि एक बीघा जमीन में जहां मात्र 20 मन धान होता है, वहीं उतनी ही जमीन में फल का उत्पादन कर उन्हें साल में एक लाख रुपये की आय हो रही है.
उत्तर बंगाल कृषि विश्वविद्यालय के मातहत दक्षिण दिनाजपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के फल उत्पादन विशेषज्ञ सिद्दिकुल इस्लाम ने बताया कि धान, गेंहू और आलू की तुलना में फल और सब्जी की खेती में अधिक लाभ है. हालांकि सब्जी की तुलना में फलों के उत्पादन में अधिक लाभ है. फलों की खेती एक ही बार करनी होती है. केवल पेड़ों की समुचित देख-रेख करनी होती है.
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