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हाथियों की मौत से जागा रेलवे प्रशासन, ट्रेनों की रफ्तार घटी
नागराकाटा : शुक्रवार को दो हाथियों की मौत के बाद रेलवे की नींद टूटी है. उसने सिलीगुड़ी-अलीपुरद्वार रेलमार्ग पर स्थित बानरहाट व कैरन रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रेनों की रफ्तार घटाने का फैसला किया है. यहां ट्रेनों की अधिकतम गतिसीमा 100 से घटाकर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गयी है. बानरहाट व कैरन स्टेशनों के […]
नागराकाटा : शुक्रवार को दो हाथियों की मौत के बाद रेलवे की नींद टूटी है. उसने सिलीगुड़ी-अलीपुरद्वार रेलमार्ग पर स्थित बानरहाट व कैरन रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रेनों की रफ्तार घटाने का फैसला किया है. यहां ट्रेनों की अधिकतम गतिसीमा 100 से घटाकर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गयी है. बानरहाट व कैरन स्टेशनों के बीच कुल 20 किलोमीटर की दूरी में रात के समय यह नियम लागू रहेगा. वहीं पांच किलोमीटर के अति-संवेदनशील इलाके में दिन के समय भी 15 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ही ट्रेनें चलेंगी.
रेलवे विभाग ने आखिरकार हाथियों के कॉरिडोर में ट्रेन की गतिसीमा को घटाने की मांग मान ली. देर से ही सही पर इस फैसले से जहां वन विभाग को राहत मिली, वहीं पर्यावरणप्रेमी संगठनों में भी खुशी है. वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने बताया कि देर से ही सही, पर अब इस फैसले से जंगली जीवों की जान बचेगी. लेकिन इस नियम का नियमित रूप से पालन करना जरूरी होगा.
एनएफ रेलवे के अलीपुरद्वार डिवीजन के मैनेजर चंद्रवीर रमन ने बताया कि विभाग की ओर से 20 किलोमीटर में से 5 किलोमीटर पर 24 घंटे गतिसीमा लागू रहेगी. बाकी के 15 किलोमीटर रास्ते में रात के लिए सर्वोच्च 15 किलोमीटर प्रतिघंटा गति तय की गयी है. रेलवे की ओर से बताया गया है कि डुआर्स के कई स्थानों में रात के समय 30 और 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की गतिसीमा में ट्रेन चलाने का निर्देश जारी है. राजाभातखावा जैसे जंगलों में दिन के समय भी गतिसीमा तय की गयी है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की सुबह बानरहाट के रेडबैंक व देवपाड़ा चाय बागान के बीच एक मादा हाथी व एक शावक की ट्रेन के चपेट में आकर मौत हो गयी. इसके बाद रेलवे विभाग की ओर से ट्रेन की गति को और कम करने का फैसला लिया गया.
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