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अगले आदेश तक उत्तर बंगाल के सभी पर्यटन केंद्र रहेंगे बंद

सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के पहले उत्तर बंगाल के पर्यटन केंद्र को एक नया चेहरा देने की कवायद पर्यटन मंत्रालय ने शुरू की है. अलीपुरद्वार से लेकर बहरमपुर तक के पर्यटन केंद्रों को एक नये रूप में पर्यटकों के सामने पेश किया जायेगा. इसके लिए जुलाई से सितंबर तक उत्तर बंगाल के पर्यटन केंद्रों को […]

सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के पहले उत्तर बंगाल के पर्यटन केंद्र को एक नया चेहरा देने की कवायद पर्यटन मंत्रालय ने शुरू की है. अलीपुरद्वार से लेकर बहरमपुर तक के पर्यटन केंद्रों को एक नये रूप में पर्यटकों के सामने पेश किया जायेगा. इसके लिए जुलाई से सितंबर तक उत्तर बंगाल के पर्यटन केंद्रों को बंद रखा गया है. इस तीन महीने पर्यटन मंत्रालय के अधीन उत्तर बंगाल के ऐतिहासिक स्थल, रिसॉर्ट व मंदिरों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है.
उत्तर बंगाल के 25 पर्यटन केंद्रों को सवांरने में करीब 80 करोड़ रुपये का खर्च आंका गया है. रख-रखाव के अभाव में पर्यटन केंद्रों का आकर्षण कम हो गया है. कई की हालत तो जर्जर हो चली है. दार्जिलिंग का पर्यटन बंगलो, कालिम्पोंग का मुर्गन हाउस, हिलटॉप या डुवार्स के सरकारी रिसॉर्ट देश के साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहे हैं. इन सभी पर्यटन केंद्रों को दुर्गा पूजा के पहले एक नया रूप दिया जायेगा. इसी वजह से जुलाई से सितंबर तक सरकारी रिसॉर्ट व पर्यटन केंद्रों की बुकिंग बंद कर दी गयी है.
दुर्गा पूजा के पहले उत्तर बंगाल के पर्यटन केंद्रों को सवांरने के लिए रविवार राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने सिलीगुड़ी स्थित पर्यटन विभाग कार्यालय में सरकारी व निजी रिसॉर्ट प्रबंधन, इंजीनियर, टेक्निशियन, पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. पर्यटन विभाग को मजबूत करने के लिए एक विशेष टीम तैयार की गयी है. हाल ही में 21 इंजीनियर व विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है. पर्यटन केंद्रों की मरम्मत के लिए देश व विदेश के कुल 14 ऑर्किटेक्ट फर्म के साथ समझौता हुआ है.
भोरेर आलो पर भी चर्चा
बैठक में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपनों की परियोजना गाजलडोबा के भोरेर आलो को लेकर भी चर्चा हुयी. हाथी सफारी, जंगल सफारी के साथ यहां बोटिंग की व्यवस्था भी करायी जा रही है. पानी में तैरता हुआ कॉन्फ्रेंस रूम व कॉटेज तैयार करने की भी योजना बनायी गयी है. गाजलडोबा में सड़क किनारे 41 दुकानें हैं. उन सभी को एक छत के नीचे लाने का का निर्णय लिया गया है.
यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा व गाइड के रूप में सिविक वोलेंटियर की भांति ही टूरिस्ट पुलिस या पर्यटक सहायक के रूप में भी कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी. फूलबाड़ी स्थित महानंदा बैरेज के पास इको पार्क योजना को लेकर भी चर्चा हुयी. यहां स्नेक पार्क, तितली पार्क सहित कई योजना के तहत कार्य शुरू किया गया है. पर्यटकों के लिए यहां पीपीपी मॉडल में रोपवे भी बनाया जायेगा.
पर्यटन केंद्रों को विश्व मानचित्र पर लाने की तैयारी
सुन्दरवन का गौड़, हजार दुआरी, कूचबिहार की राजबाड़ी व राज्य के विभिन्न इलाकों में स्थित पर्यटन केंद्रों को विश्व मानचित्र पर काफी सहजता व सरलता के साथ लाने के लिए पश्चिम बंगाल पर्यटन मंत्रालय प्रतिबद्ध है. मंत्री गौतम देव ने बताया कि पहाड़ व समतल मिलाकर कुल 89 ट्रेकिंग रूट चिह्नित किये गये हैं. इन सभी रूटों को पर्यटकों के समक्ष पेश किया जायेगा. पर्यटकों की सुरक्षा व सुविधा के लिए प्रत्येक जिले में जिला शासक के नेतृत्व में पर्यटक सहायता केंद्र बनाया जायेगा. इस तरह राज्य के पर्यटन को एक ब्रांड की तरह उभार कर सामने लाने का हमारा प्रयास जारी है.

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