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दिलीप घोष का वाहन रोकना भारी पड़ा
कुमारग्राम : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के डुवार्स दौरे के दौरान उनकी गाड़ी रोककर विरोध करने वाले भाजपा नेताओं पर गाज गिरी है. जिला नेतृत्व ने सुनील महतो सहित 9 नेताओं को भाजपा से निकाल दिया है. वहीं, सुनील महतो और उनके समर्थकों ने आरोपों से इंकार करते हुए जिलाध्यक्ष पर तानाशाही शैली […]
कुमारग्राम : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के डुवार्स दौरे के दौरान उनकी गाड़ी रोककर विरोध करने वाले भाजपा नेताओं पर गाज गिरी है. जिला नेतृत्व ने सुनील महतो सहित 9 नेताओं को भाजपा से निकाल दिया है.
वहीं, सुनील महतो और उनके समर्थकों ने आरोपों से इंकार करते हुए जिलाध्यक्ष पर तानाशाही शैली में काम करने का आरोप लगाया है. सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भाजपा में गुटीय विरोध खुलकर सामने आ गया. पंचायत चुनाव के पहले इस तरह की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा है. उल्लेखनीय है कि जिला नेतृत्व ने तीन नंबर मंडल कमेटी के अध्यक्ष सुनील महतो पर जिला नेतृत्व के खिलाफ झूठे मामले दायर करने का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया था.
आरोप है कि उसके बाद रविवार को अलीपुरद्वार जिले के जटेश्वर में भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष के वाहन को रोककर सुनील महतो के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया. उसके बाद ही सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुनील महतो सहित 9 भाजपाई नेताओं को निकालने की घोषणा जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने की.
सुनील महतो के अलावा जिन नेताओं को बर्खास्त किया गया है वे हैं, भाजपा के जिला कमेटी के सदस्य पार्थ बोस, तीन नंबर मंडल कमेटी के कोषाध्यक्ष नेपाल विश्वास, मंडल कमेटी के सदस्य राखाल भौमिक, महिला मोरचा की मंडल अध्यक्ष चंदना बोस, अनुसूचित मोरचा के मंडल अध्यक्ष कमल राय, शक्ति केंद्र के अध्यक्ष बापी देवनाथ, चित्त चक्रवर्ती, मंडल महासचिव भवतोष बर्मन, पाकसू सेल के मंडल संयोजक देवाशीष भौमिक.
गंगा प्रसाद शर्मा की विज्ञप्ति के अनुसार राज्य अध्यक्ष के वाहन को रोकने के दौरान नौ नेताओं ने सहयोग किया था. अनुशासनहीनता के कारण इन नौ नेताओं को पार्टी से निकाला गया है. राज्य नेतृत्व के निर्देश पर यह कार्रवाई की गयी है.
तीन नंबर मंडल कमेटी का दायित्व बाबुलाल साहा को सौंपा गया है. वहीं, सुनील महतो का कहना है कि रविवार को उन्होंने जटेश्वर में राज्य अध्यक्ष से भेंट की. किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ. दिलीप घोष ने उनकी शिकायत पर गौर करने का आश्वासन दिया. उन्होंने इस मामले की छानबीन के लिये उत्तर बंगाल के संयोजक रथिन बोस और जिला पर्यवेक्षक मालती राभा को को देने के लिए कहा है.
वहीं, मालती राभा ने उन्हें मंडल अध्यक्ष के पद पर रहते हुए काम करने के लिये कहा. हालांकि उन्हें यह नहीं मालूम कि जिलाध्यक्ष ने उन्हें पार्टी से निकाला है. उन्होंने जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा पर तानाशाही रवैये से काम करने का आरोप लगाया.
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