डीआरआइ ने मांगी रिमांड, अदालत ने दी जमानत
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सोना तस्करी गिरोह का एक और गिरफ्तार
डीआरआइ ने मांगी रिमांड, अदालत ने दी जमानत जिला जज से जमानत रद्द करने की होगी अपील गिरोह का सरगना सचिन पवार का भाई है आरोपी स्वर्ण व्यवसायी की आड़ में कर रहा था तस्करी कई स्वर्ण कारोबारियों के नाम आये सामने सिलीगुड़ी : सोना तस्करी गिरोह के एक और सदस्य को खुफिया राजस्व निदेशालय […]
जिला जज से जमानत रद्द करने की होगी अपील
गिरोह का सरगना सचिन पवार का भाई है आरोपी
स्वर्ण व्यवसायी की आड़ में कर रहा था तस्करी
कई स्वर्ण कारोबारियों के नाम आये सामने
सिलीगुड़ी : सोना तस्करी गिरोह के एक और सदस्य को खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपी को सिलीगुड़ी सहित देश के विभिन्न भागों में अवैध सोना तस्करी गिरोह का किंगपिन बताया गया है. आरोपी का नाम शिवा पवार उर्फ शिवा भरत पवार है. उसे शनिवार को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश कर डीआरआइ ने रिमांड मांगी, लेकिन उसे सशर्त जमानत दे दी गयी है.
डीआरआइ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवा पवार 28 दिसंबर को सोना तस्करी मामले में गिरफ्तार सचिन भरत पवार का भाई है. वह भी महाराष्ट्र का रहनेवाला है.
दोनों भाई कई वर्षों से स्वर्ण व्यवसायी का चोला ओढ़ कर सिलीगुड़ी में बैठे थे. करीब चार वर्ष पहले ये दोनों भाई शहर में आये. खुदीराम पल्ली इलाके में लक्ष्मी गोल्ड एंड सिल्वर रिफायनरी के नाम से एक दुकान खोलकर स्वर्ण व्यवसायी का चोला ओढ़ कर सिलीगुड़ी, कोलकाता सहित देश के विभिन्न भागों में सोना तस्करी का धंधा चला करने लगे थे.
यहां बता दें कि डीआरआइ ने बीते वर्ष 22 जुलाई को 2 किलो व 14 नवंबर को 3 किलो सोना जब्त किया था. इन दोनों मामलों में पांच तस्करों की गिरफ्तारी हुई थी. इन पांच तस्करों से मिले सुराग के आधार पर डीआरआइ सचिन भरत तक पहुंची और उसके बयान से शिवा पवार को गिरफ्तार किया गया. डीआरआइ पक्ष के वकील रतन बनिक ने बताया कि सोना तस्करी के पिछले दो मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर डीआरआइ की टीम शिवा पवार तक पहुंची है. इसे आज सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश कर रिमांड मांगी गयी थी, जबकि अदालत ने आरोपी को सशर्त जमानत दे दी है. इससे पहले सचिन भरत पवार को भी गिरफ्तार किया गया था. उसे भी अदालत ने सशर्त जमानत दे दी थी. डीआरआइ ने उसकी जमानत रद्द करने की अपील जिला जज से की है.
डीआरआइ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोना तस्करी पर लगाम कसता देखकर चीन से म्यामांर के रास्ते भूटान होकर जयगांव से सोना सिलीगुड़ी से कोलकाता, दिल्ली व देश के विभिन्न भागों में भेजा जाने लगा. सिलीगुड़ी कोरीडोर सक्रिय देखकर ही ये दोनों भाई स्वर्ण व्यवसायी का चोला ओढ़ कर महाराष्ट्र से यहां आकर बैठ गये. इन दोनों के अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह के साथ भी ताल्लुकात होने के प्रमाण मिले हैं. पिछले चार वर्षों से सिलीगुड़ी के रास्ते होनेवाली सोना तस्करी के अधिकतर मामलों में इनका हाथ है. बीते वर्ष जुलाई व नवंबर में लगभग पांच किलो तस्करी का सोना जब्त किया गया था.
इन दोनों के निगरानी में ही सोना मलयेशिया से चीन, म्यांमार से होकर जयगांव से सिलीगुड़ी लाया गया. इन दोनों ने इस अवैध कारोबार में लिप्त सिलीगुड़ी के कई स्वर्ण व्यवसायियों के नाम का भी खुलासा किया है. इसके अतिरिक्त कोलकाता व दिल्ली के भी स्वर्ण व्यापारियों के नाम सामने आये हैं. मिले सुराग के आधार पर डीआरआइ गिरोह की जड़ें खोद रही है.
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