रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पहले एक लाइन चालू कर तत्काल ट्रेनों की आवाजाही शुरू करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. अप लाइन से ट्रेनों को चलाया जायेगा. इस बीच डाउन लाइन पर क्षतिग्रस्त पुल की भी मरम्मती कर दी जायेगी. यहां उल्लेखनीय है कि कटिहार तथा अलीपुरद्वार डिवीजन में कई स्थानों पर बाढ़ से रेलवे के पुलों को नुकसान हुआ है. इनमें से अधिकांश पुलों की मरम्मती कर दी गयी है. सिर्फ सुधानी और तेलता के बीच पुल की ही मरम्मत अब तक नहीं हो पायी थी. अब इस पुल के बन जाने के बाद कुछ दिनों के अंदर ही इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो जायेगी.
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एनजेपी: तेलता में एक पुल बन कर हुआ तैयार, तीन से शुरू होगी ट्रेनों की आवाजाही
सिलीगुड़ी: करीब 20 दिनों से अधिक समय तक वीरान रहने के बाद न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन (एनजेपी) फिर से गुलजार होने वाला है. भीषण बाढ़ की वजह से कई स्थानों पर रेलवे पुल टूट जाने की वजह से 13 अगस्त से ही पूर्वोत्तर से ट्रेनों की आवाजाही बंद पड़ी हुई है. एक तरह से कहें तो […]
सिलीगुड़ी: करीब 20 दिनों से अधिक समय तक वीरान रहने के बाद न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन (एनजेपी) फिर से गुलजार होने वाला है. भीषण बाढ़ की वजह से कई स्थानों पर रेलवे पुल टूट जाने की वजह से 13 अगस्त से ही पूर्वोत्तर से ट्रेनों की आवाजाही बंद पड़ी हुई है. एक तरह से कहें तो एनजेपी सहित पूरे पूर्वोत्तर भारत का रेल संपर्क खत्म हो गया है.
पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख स्टेशनों में शुमार एनजेपी स्टेशन को बाढ़ की काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. ट्रेनों के बंद रहने से स्टेशन पूरी तरह से वीरान है. दूर आने-जाने वाले यात्री या तो अपने घरों में रूक गये हैं या सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं. अब ऐसी स्थिति खत्म होने वाली है. पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, अगले महीने तीन सितंबर से न्यू जलपाईगुड़ी होकर तमाम ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जायेगी. बाढ़ की वजह से तेलता तथा सुधानी के बीच जिस पुल को काफी नुकसान पहुंचा था, उसमें से एक पुल की मरम्मती कर दी गयी है. रेलवे के इंजीनियरों ने इस पुल को फिट घोषित कर दिया. मंगलवार को सुधानी स्टेशन से दिन के करीब 1.50 बजे पहली मालगाड़ी चलायी गयी.
यह मालगाड़ी 14.25 बजे सही सलामत तेलता स्टेशन पहुंच गयी. उसके बाद ही रेलवे के इंजीनियरों ने इस पुल को ट्रेनों की आवाजाही के लिए फिट घोषित कर दिया है. हालांकि अधिकतम गति सीमा प्रति घंटे 10 किलोमीटर की निर्धारित की गयी है. पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया है कि आज से ही मालगाड़ियों को चलाना शुरू कर दिया जायेगा. जबकि यात्री ट्रेनें तीन तारीख से चलेंगी. उन्होंने आगे कहा कि रेल यातायात बंद होने से पूर्वोत्तर राज्यों में आवश्यक सामग्रियों की काफी कमी पड़ गयी है. इसीलिए पहले मालगाड़ी चलाने का निर्णय लिया गया है. मालगाड़ियों के द्वारा आवश्यक सामग्रियां पूर्वोत्तर राज्यों को भेजी जायेगी. इस बीच डाउन लाइन पर क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण अभी भी नहीं हुआ है. इसका निर्माण कार्य चल रहा है.
रेलवे को लगा करोड़ों का चूना : बाढ़ की वजह से पूर्वोत्तर सीमा रेलवे को करोड़ों रूपये का चूना लगा है. इसमें यात्री तथा माल भाड़ से होने वाली कमाई ही करीब 74 करोड़ रुपये है. जबकि रेलवे पुलों के बनाने, कर्मचारियों के ओवरटाइम, मजदूरों के भुगतान का आंकड़ा सैंकड़ों करोड़ रुपये में है. सीपीआरओ प्रणवज्योति शर्मा ने बताया है कि इस महीने की 13 तारीख से 28 तारीख के बीच एक हजार से भी अधिक गाड़ियां रद्द की गयी. इस दौरान मेल एक्सप्रेस 821 ट्रेन तथा पैसेंजर ट्रेन 484 रद्द की गयी. ट्रेनों की रद्द होने से लाखों यात्री रेल यात्रा नहीं कर सके. इसकी वजह से रेलवे को काफी नुकसान पहुंचा है. ट्रेन रद्द होने की वजह से करोड़ों रुपये के रिफंड भी यात्रियों को दिये गये है. माल भाड़े में करीब 16 करोड़ 26 लाख रुपये तथा पार्सल बुकिंग में 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम से 47.53 करोड़ का नुकसान पूर्वोत्तर सीमा रेलवे को उठाना पड़ा है. इंजीनियरिंग, सिग्नल तथा टेली कम्यूनिकेशन का नुकसान इन आंकड़ों में शामिल नहीं है.
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