उस दौरान वन विभाग द्वारा तेंदुए को कैद करने के लिए बड़ा पिंजड़ा भी लगाया गया था. लेकिन तेंदुआ आज तक पकड़ में नहीं आया. लेकिन आज कुत्ते की हालत देख ग्रामीण संभावना जता रहे हैं कि तेंदुआ अभी भी इसी इलाके में कहीं छुपा है.
इसकी जानकारी ग्रामीणों ने एकबार फिर वन विभाग को दे दी है. वन विभाग के अधिकारी भी कुत्ते की हालत देख किसी खूंखार जानवर द्वारा ही जख्मी किये जाने का अंदेशा लगा रहे हैं. कुत्ते के गले के हिस्से की ओर से मांस कुरेद लिया गया है. वन विभाग एकबार फिर खूंखार जानवर को लेकर सतर्क हो गया है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.