28.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

कुड़मी आंदोलन : आंदोलनकारी आर-पार के मूड में, सड़कें व रेल पटरियां जाम, पुलिस वाहन में तोड़फोड़

कुड़मी समुदाय के लोग एसटी का दर्जा देने सहित कई मांगों को लेकर खड़गपुर ग्रामीण थाना के खेमाशुली इलाके में विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन भी आरपार के मूड में आंदोलन करते दिखे. विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन गुरुवार को खड़गपुर-जमशेदपुर मुख्य सड़क और खड़गपुर-टाटानगर रेल सेवा पूरी तरह से प्रभावित रहीं.

खेमाशुली/खड़गपुर. कुड़मी समुदाय के लोग एसटी का दर्जा देने सहित कई मांगों को लेकर खड़गपुर ग्रामीण थाना के खेमाशुली इलाके में विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन भी आरपार के मूड में आंदोलन करते दिखे. विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन गुरुवार को खड़गपुर-जमशेदपुर मुख्य सड़क और खड़गपुर-टाटानगर रेल सेवा पूरी तरह से प्रभावित रहीं. आंदोलन को समाप्त कराने के लिए बुधवार को स्थानीय पुलिस प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ कलाइकुंडा थाना परिसर में बैठक भी की थी. लेकिन आंदोलनकारियों द्वारा अपनी मांगों पर अड़े रहने के कारण बैठक असफल रही थी. दूसरी ओर, गुरुवार को स्थानीय रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी, आंदोलनकारियों से मुलाकात करते हुए उन्हें रेलवे ट्रैक से हटने की अपील की. इससे आंदोलनकारी भड़क गये और कुछ देर के लिए इलाके में काफी तनाव देखा गया. इसके बाद रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों को बिना समाधान के ही बैरंग लौटना पड़ा.

कड़ी धूप के कारण दिन को सड़कें वीरान, शाम ढलते ही आंदोलन स्थल हो जाता है गुलजार

खेमाशुली में आंदोलन स्थल कड़ी धूप के कारण दिन में वीरान हो जाता है. आंदोलनकारी आसपास स्थित पेड़ की छांव में समय बिताते हैं. सड़क के बीचोंबीच बांस का घेरा होने के कारण दोनों ओर की सड़कें वीरान दिखायी पड़ती हैं. लेकिन शाम ढलते ही आंदोलन स्थल गुलजार हो जाता है. भारी संख्याओं में कुड़मी समुदाय के लोग उपस्थित होकर अपने पारंपरिक गाने पर नृत्य करते दिखायी देते हैं.

Also Read: दूसरे दिन भी चला आदिवासी कुड़मी समाज का आंदोलन, कई जगह रेल व सड़क रोकने से सेवाएं प्रभावित

देर रात आंदोलन स्थल पर पुलिस की जीप घुसने पर भड़के लोग

गुरुवार मध्य रात को पुलिस की एक जीप अचानक आंदोलन स्थल पर पहुंच गयी. पुलिस जीप के धक्के से एक आंदोलनकारी जख्मी हो गया. इसके बाद आंदोलनकारियों ने पुलिस की जीप में तोड़फोड़ की. पुलिस जीप को धक्का देकर पलटने की कोशिश भी की गयी, लेकिन स्थानीय कुड़मी समुदाय के नेताओं के हस्तक्षेप से परिस्थिति को जल्द ही सामान्य कर लिया गया. आंदोलनकारियों ने स्थानीय प्रशासन पर डराने-धमकाने और आंदोलन समाप्त करने का दबाव डालने और बुलडोजर से आंदोलन मंच को तोड़ देने की धमकी देने आरोप लगाया. कुड़मी समुदाय के आंदोलनकारी नेता राजेश महतो का कहना है कि 73 वर्षों से कुड़मी समुदाय के लोग अपने हक के लिए लड़ते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनके समुदाय के लोगों को उनका हक नहीं मिला है. कभी राज्य सरकार उन्हें धोखा दे रही है, तो कभी केंद्र. जब तक उनके समुदाय के लोगों को एसटी का दर्जा नही मिल जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें