10 दिनों में दो श्रमिकों की मौत की घटना से आक्रोश
संवाददाता, बैरकपुर
हालीशहर के हाजीनगर स्थित हुकुमचंद जूट मिल में पिछले 10 दिनों में दो श्रमिकों की मौत के बाद गुस्साये कर्मचारियों ने मंगलवार को काम बंद कर दिया. श्रमिकों ने मांग की है कि मृत श्रमिकों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और मिल में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इस घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति नियंत्रित की. श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलता, वे हड़ताल पर रहेंगे और काम नहीं करेंगे. श्रमिकों के इस आंदोलन के बाद मिल प्रबंधन ने गेट पर नोटिस लगाकर उनसे काम पर लौटने की अपील की है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि वे काम पर नहीं लौटते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जायेगी.
मंगलवार सुबह पहली पाली में कुछ श्रमिक काम पर गये थे. लेकिन सुबह 11 बजे से श्रमिकों ने अकिंदर माली के परिवार को मुआवजा देने की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद अन्य श्रमिक भी काम छोड़कर इस आंदोलन में शामिल हो गये, जिससे मिल में काम बंद हो गया और उत्पादन ठप हो गया. शंकर कटिहार नामक श्रमिक ने आरोप लगाया कि मिल में मजदूरों को बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है. स्थायी कर्मचारियों की जगह अस्थायी कर्मचारियों से काम कराया जाता है. भाजपा के बीजपुर मंडल चार के अध्यक्ष अमित चौबे ने कहा कि श्रमिकों के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. मिल में चिकित्सा सुविधा तक उपलब्ध नहीं है और मिल की एम्बुलेंस भी खराब है.
गौरतलब रहे कि 13 तारीख को काम करते समय मीठू साव नामक एक अस्थायी कर्मचारी की मृत्यु हो गयी थी. इसके बाद सोमवार को बैचिंग विभाग में काम करने वाले एक स्थायी कर्मचारी अकिंदर माली की भी काम करते समय करंट लगने से मौत हो गयी. श्रमिकों का आरोप है कि दोनों मृत श्रमिकों के परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया है.
मुअावजा व सुरक्षा की मांग : श्रमिकों ने हुकुमचंद जूट मिल में बंद किया काम
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