यात्री का आरोप- 2000 से पहले के मतदाता सूची और जमीन के दस्तावेज मांगे गये
बनगांव. वैध पासपोर्ट और वीजा होने के बावजूद अफ्रीना हसनत नामक एक महिला यात्री को बनगांव के पेट्रापोल सीमांत से बांग्लादेश जाने से रोक दिया गया और उसे बहरमपुर लौटा दिया गया. आरोप है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने अफ्रीना हसनत का वीजा और पासपोर्ट जांचने के बाद उनसे वर्ष 2000 से पहले की मतदाता सूची और जमीन के दस्तावेज समेत कई अतिरिक्त कागजात मांगे. महिला यात्री के पास ये दस्तावेज तत्काल उपलब्ध नहीं थे, जिसके कारण उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गयी. अफ्रीना हसनत के पिता मीर हसनत ने इस घटना को लेकर जिला मजिस्ट्रेट को ईमेल के जरिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी को सीमा पर परेशान करने का आरोप लगाया है. सूत्रों के अनुसार, यह माना जा रहा है कि सीमा पर यह कार्रवाई एसआइआर के दबाव में की गयी है. उधर, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुर्शिदाबाद से तृणमूल कांग्रेस सांसद अबू ताहिर खान ने इसे आपराधिक कृत्य बताया है.
उन्होंने कहा, “पासपोर्ट भारत सरकार जारी करती है और सभी वैध दस्तावेजों की जांच के बाद ही पासपोर्ट जारी किये जाते हैं. फिर उस महिला को हिरासत में क्यों लिया गया?” सांसद ने तर्क दिया कि विदेश यात्रा के दौरान हर कोई अपना वैध पासपोर्ट और वीजा रखता है, न कि परिवार के पुराने दस्तावेज. उन्होंने मांग की है कि वैध दस्तावेज होने के बावजूद महिला यात्री को रोके जाने के पीछे के कारणों की जांच होनी चाहिए.
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