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इलाज के नाम पर बेहिसाब खर्च नहीं कर सकेंगे विधायक

विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. यानी विधानसभा की ओर से जल्द ही इस संबंध में निर्देशिका भी जारी की जा सकती है.

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दैनिक बेड चार्ज आठ हजार रुपये से अधिक खर्च करने की अनुमति नहीं जल्द जारी की जायेगी निर्देशिका कोलकाता. विधायकों के लगातार बढ़ते मेडिकल बिल को लेकर विधानसभा सचिवालय हरकत में आ गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्पीकर और सीएम के बीच में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि कोई भी विधायक चश्मे के लिए अधिकतम पांच हजार रुपये से अधिक खर्च नहीं कर पाएगा. इसके साथ ही विधायकों के लिए अस्पतालों का दैनिक बेड चार्ज भी तय कर दिया गया है. बेड चार्ज के लिए दैनिक आठ हजार रुपये तय किया गया है. अस्पताल में बेड खर्च के तौर पर इससे अधिक खर्च नहीं किया जा सकेगा. सूत्रों के अनुसार, विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. यानी विधानसभा की ओर से जल्द ही इस संबंध में निर्देशिका भी जारी की जा सकती है. गौरतलब है कि विधानसभा के पिछले बजट सत्र में तृणमूल कांग्रेस के मुर्शिदाबाद जिले के तीन बार के विधायक ने अपना चश्मा बनवाने के लिए 65 हजार रुपया खर्च किया. इस तृणमूल विधायक ने बिल विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी के समक्ष प्रस्तुत पहले ही कर दिया था. उस समय मुख्यमंत्री भी वहीं थी. जिज्ञासावश उन्होंने जानना चाहा कि बिल कितने का है? बिल की राशि सुनकर मुख्यमंत्री भी दंग रह गयीं. इसके बाद स्पीकर और मुख्यमंत्री के बीच विधायकों के मेडिकल बिल पर तत्काल चर्चा हुई. बता दें कि विधानसभा विधायकों के चिकित्सा व्यय का वहन करती है. कई मामलों में विधानसभा अधिकारियों को विधायकों के मेडिकल बिल की जांच करनी पड़ती है. यदि किसी बिल में गड़बड़ी देखी जाती है, तो इसे स्पीकर विमान बनर्जी के ध्यान में लाया जाता है. ऐसा ही एक विधेयक अध्यक्ष के सामने बिल पेश किया गया तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सदन में मौजूद थीं. विधायक के चश्मे की कीमत सुनकर वह भी हैरान रह गयी थीं. तब सीएम ने कहा कि वह स्पीकर से जानना चाहेंगी कि क्या विधायकों के चिकित्सा व्यय पर कोई सीमा निर्धारित है? दोनों ने इस मामले पर भी चर्चा की. इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिया कि अब से किसी भी विधायक को नया चश्मा बनवाने के लिए 5,000 रुपये से अधिक राशि का भुगतान ना करे. वहीं अन्य किसी चिकित्सा कारणों से भर्ती होने पर अस्पताल के बेड का किराया प्रतिदिन आठ हजार रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. ज्ञात हो कि पिछले साल उत्तरपाड़ा से तृणमूल विधायक और अभिनेता कंचन मल्लिक के मेडिकल बिल को लेकर राज्य की राजनीति में तूफान आ गया था. उस समय कंचन ने अपनी बेटी के जन्म के खर्च के लिए विधानसभा में छह लाख रुपये का बिल पेश किया है. मामला उजागर होने के बाद कंचन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. इससे पहले ममता के नेतृत्व वाली पहली सरकार में मंत्री रहीं सावित्री मित्रा ने 99,880 रुपये का मेडिकल बिल पेश किया था.

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