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मसौदा सूची में हटाये नामों में बांग्लादेशियों व रोहिंग्या की संख्या बताये आयोग : अभिषेक

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने राज्य में चल रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाये हैं.

कोलकाता.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने राज्य में चल रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने मांग की कि मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद हटाये गये 58.20 लाख नामों में से कितने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं, इसका स्पष्ट खुलासा किया जाये. इस दिन उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह 31 दिसंबर को नयी दिल्ली जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात करेंगे और पूरी सूची देखने की मांग करेंगे. सूची नहीं मिलने पर आंदोलन और कानूनी कदम उठाने की चेतावनी भी दी.

शनिवार को यहां तृणमूल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बंगाल की कुल आबादी करीब 10.05 करोड़ है और एसआइआर में हटाये गये नाम कुल जनसंख्या का सिर्फ 5.79 प्रतिशत हैं, जो एसआइआर वाले अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है. इसके बावजूद बंगाल को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया जा रहा है.

उनका आरोप है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल की जीत के बाद से केंद्र सरकार का एजेंडा बंगाल के लोगों को परेशान करना है. अगर 1.36 करोड़ नामों में तथाकथित लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी है, तो उसकी सूची सार्वजनिक की जाये. अगर वास्तव में इतनी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी या रोहिंग्या हैं, तो चुनाव आयोग को नामों सहित सूची जारी करनी चाहिए. अन्यथा बंगाल की जनता से माफी मांगे.

उन्होंने दावा किया कि उनके पास स्क्रीनशॉट हैं, जिनसे साबित होता है कि बैकएंड से नाम हटाये गये. उन्होंने चुनाव आयोग की अधिकारी सीमा खन्ना की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी की बात उन्होंने खुद मानी है. यह सारे सबूत सुप्रीम कोर्ट में जमा किये जायेंगे. श्री बनर्जी ने तमिलनाडु, गुजरात और छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हटाये गये मतदाताओं का प्रतिशत बंगाल से ज्यादा है. फिर भी केवल बंगाल में ही केंद्रीय टीमें भेजी जा रही हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को वाट्सएप कमीशन करार देते हुए कहा कि बिना किसी आधिकारिक प्रेस रिलीज के सूचनाएं वाट्सएप पर फैलायी जा रही हैं.

बंगाल के साथ भेदभाव का आरोप : उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआइआर की समय-सीमा अन्य राज्यों में बढ़ायी गयी, लेकिन बंगाल में नहीं. जल्दबाजी में करायी गयी इस प्रक्रिया के कारण आम लोगों और बीएलओ पर भारी दबाव पड़ा, जिसके चलते आत्महत्या की घटनाएं तक सामने आयीं. नवंबर में आयोग के सामने रखे गये पांच बुनियादी सवालों का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.दो जनवरी से घर-घर जायेंगे अभिषेक : तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में चल रहे एसआइआर के विरोध और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए नया अभियान शुरू करने की घोषणा की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दो जनवरी से वह स्वयं घर-घर जाकर लोगों से मिलेंगे और सरकार के विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. बनर्जी ने कहा कि बीते 15 वर्षों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों का पूरा ब्योरा लेकर तृणमूल कार्यकर्ता सीधे जनता के दरवाजे तक पहुंचेंगे. इसके साथ ही एसआइआर के नाम पर वैध मतदाताओं के नाम हटाने की कथित साजिश के खिलाफ भी लोगों को जागरूक किया जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची से लोगों को बाहर करने की कोशिश की जा रही है, जिसका तृणमूल पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी. बनर्जी ने अभियान की शुरुआत दो जनवरी को बारुईपुर से करने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वह अगले एक महीने तक लगातार राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहेंगे और तीन जनवरी को अलीपुरदुआर जाने का कार्यक्रम है. अभिषेक बनर्जी ने चेतावनी दी कि यदि बंगाल के लोगों के अधिकार छीने गये, तो जनता चुप नहीं बैठेगी और जवाब देगी.

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