ग्रामीण बने गवाह कोलकाता. समाज की परंपराओं को चुनौती देते हुए सुंदरबन के एक छोटे से गांव के लोग मंगलवार को एक अनोखी शादी का गवाह बने. दक्षिण 24 परगना के मंदिरबाजार थाना क्षेत्र की रहने वाली रिया सरदार और कुलतली ब्लॉक के बकुलतला की निवासी राखी नस्कर ने मंदिर में सात फेरे लेकर एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया. दोनों पेशे से नृत्यांगना हैं और उनकी मुलाकात मोबाइल फोन के जरिए हुई थी. धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदली और फिर दोनों ने तय किया कि वे साथ रहेंगे. रिया ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था और मामा-मामी के घर पली-बढ़ीं. वहीं राखी का बचपन संयुक्त परिवार में बीता. दोनों जानते थे कि उनका यह फैसला आसान नहीं होगा और समाज का विरोध, ताने और उपहास झेलना पड़ेगा. लेकिन वे पीछे नहीं हटे. रिया ने कहा, “मैंने अपने परिवार को सब बता दिया था. उन्होंने हमारा रिश्ता स्वीकार किया. लेकिन राखी के घरवालों ने मना कर दिया. तब मैंने फैसला किया कि जिसे प्यार करती हूं, उसे खोने नहीं दूंगी. इसलिए राखी मेरे घर आ गयी.” स्थानीय लोगों और एक क्लब की मदद से गांव के ‘शांति संघ मंदिर’ में दोनों की शादी करायी गयी. फूलों की मालाओं से एक-दूसरे को वरमाला पहनायी और परंपरागत सात फेरे लेकर नयी जिंदगी की शुरुआत की. शादी के बाद राखी ने कहा, “हमारा रिश्ता दो साल पुराना है. बहुतों ने कहा कि दो लड़कियां कैसे प्यार कर सकती हैं? लेकिन हमने ठान लिया था कि साथ रहेंगे, हमेशा रहेंगे.” रिया ने जोड़ा, “हमने अपनी इच्छा को सम्मान दिया है. प्यार ही सबसे बड़ी चीज है और जेंडर यह मायने नहीं रखता.” गांव की बुजुर्ग महिला लक्ष्मी मिस्त्री, जो इस शादी की साक्षी बनीं, बोलीं, “उन्होंने कहा कि वे शादी करना चाहते थे, तो हमने मंदिर में उनकी शादी करा दी.” स्थानीय क्लब सदस्य जलधर मंडल ने बताया, “हम क्लब के लोगों ने उनकी मदद की. इससे पहले ऐसा विवाह कभी नहीं देखा था, सिर्फ मोबाइल पर सुना था. आज पहली बार सामने देखा.” इस विवाह के बाद गांव में चर्चा का माहौल है. जहां एक ओर कुछ लोग इसे सामाजिक परंपराओं के खिलाफ बता रहे हैं, वहीं अधिकतर ग्रामीणों ने दोनों की हिम्मत और प्यार को सलाम किया है.
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