संवाददाता, कोलकाता.
भारतीय रेलवे ने अपने टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीइ) की ड्यूटी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब टीटीइ बाबू ड्यूटी शुरू और समाप्त करते समय आधार आधारित बायोमेट्रिक इन और आउट करेंगे. टीटीइ लॉबी में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू करने की मंजूरी रेलवे बोर्ड द्वारा मिलने के बाद भारतीय रेलवे के विभिन्न जोनों के मंडलों में इसे लागू भी कर दिया गया है. पूर्व रेलवे के मालदाह मंडल में टीटीइ लॉबी में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू कर दिया गया है. मालदाह मंडल में इसकी सफलता के बाद इसे अन्य मंडलों में भी लागू किया जायेगा.
29 अगस्त को पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर पहली डिजिटल टीटीई लॉबी चालू हो गयी है. इस अभिनव प्रणाली को उत्तर रेलवे के बनारस मंडल, पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल, पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल, मध्य रेलवे के सीएसएमटी, पुणे और सोलापुर स्थित टीटीई लॉबी, दक्षिण पश्चिम रेलवे के मैसूर मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल, दक्षिण रेलवे के मदुरै, पालघाट, त्रिची और पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा लॉबी में सफलतापूर्वक लागू किया गया है. उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे जोन ने भी विभिन्न मंडलों में चरणबद्ध तरीके से नयी प्रणाली लागू की है. उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल जल्द ही इस प्रणाली को लागू करनेवाला है.
क्या बदलेगा ? टीटीइ लॉबी में रखे रजिस्टर पर साइन कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेते थे, कई बार तो ड्यूटी पर गैर हाजिर होते हुए भी हाजिरी बन जाने जैसे आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए रेलवे ने यह नया कदम उठाया है, जिसकी सराहना हो रही है.
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