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केंद्र सरकार के घोषणापत्र में किये गये वादों पर तृणमूल नेता ने उठाये सवाल

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को भाजपा के घोषणापत्र में शामिल कई वादों को गिनाते हुए कहा कि हकीकत इन वादों से काफी अलग है.

संवाददाता, कोलकाता

केंद्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा होने पर तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को भाजपा के घोषणापत्र में शामिल कई वादों को गिनाते हुए कहा कि हकीकत इन वादों से काफी अलग है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल है. अपने ब्लॉग पर प्रकाशित एक लेख में ओ ब्रायन ने 2024 के चुनावों से पहले भाजपा द्वारा जारी 69 पृष्ठों के घोषणापत्र में से 15 वादों का उल्लेख किया.

राज्यसभा सदस्य ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि वह गरीबों की थाली की रक्षा करेगी, लेकिन विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 7.5 करोड़ भारतीय प्रतिदिन 225 रुपये से भी कम कमाते हैं. उन्होंने कहा, ””सबसे गरीब पांच प्रतिशत लोग प्रतिदिन 68 रुपये खर्च करते हैं जबकि एक शाकाहारी थाली की कीमत 77 रुपये है.”” ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा ने नव-मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने का वादा किया था, लेकिन 2014 से 2024 के बीच घरेलू देनदारियां दोगुनी हो गयी हैं, जबकि शुद्ध वित्तीय बचत पिछले 50 वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गयी है. भाजपा ने उच्च मूल्य वाली नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि 2021 से लगातार अधिक से अधिक लोग कृषि क्षेत्र की ओर लौटने को मजबूर हुए हैं.

तृणमूल नेता ने कहा, ””वर्तमान में कार्यबल का 46 प्रतिशत हिस्सा कृषि में लगा हुआ है. पांच में से करीब तीन लोग स्वरोजगार में लगे हुए हैं, जिसे विशेषज्ञ रोजगार का सबसे अच्छा तरीका नहीं मानते हैं. कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पर ओ ब्रायन ने कहा कि 2018-23 के बीच रोजगार संबंधी गतिविधियों में लगी महिलाओं का अनुपात सिर्फ 2.3 प्रतिशत अंक बढ़ा. उन्होंने कहा, ””रोजगार संबंधी गतिविधियों पर खर्च किया गया समय पांच वर्षों में सिर्फ 10 मिनट बढ़ा है. महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर पुरुषों की तुलना में आधी बनी हुई है.”” विधायिका में महिलाओं के लिए आरक्षण पर उन्होंने कहा कि भाजपा के पास लोकसभा में 13 प्रतिशत महिला सांसद हैं. ओ ब्रायन ने 2023 में पारित हुए महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भी भाजपा सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, ””हालांकि, इसे जनगणना से जोड़ा गया है, जो 2027 में होनी है. जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया होगी.

इन दोनों के बाद ही विधेयक को वास्तव में लागू किया जा सकेगा. कब? कोई भी अनुमान लगा सकता है.”” किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ””हर दिन औसतन 30 किसान आत्महत्या कर रहे हैं.”” ओ ब्रायन ने मणिपुर में जारी संघर्ष का भी उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री ने अभी तक राज्य का दौरा नहीं किया है.

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