भाजपा नेता अमित मालवीय ने लगाया गंभीर आरोप
संवाददाता, कोलकाताभाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार हिंदुओं को मतदाता सूची से हटा कर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को वोटर बना रही है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में. उन्होंने दावा किया कि नदिया जिले में एक मुस्लिम शख्स के अनुरोध पर ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 98 हिंदुओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. श्री मालवीय ने मंगलवार को अपने एक ट्वीट के जरिये आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर यह काम किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल है और वह हिंदू वोटरों को कमजोर करने की साजिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार उन हिंदू शरणार्थियों को डराने में लगी है, जिन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत में शरण ली थी. अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया और इसके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करवाये, लेकिन वह इसे लागू होने से रोक नहीं पायीं. मतुआ समुदाय के लोगों के नाम भी हटवाने का आरोप : मालवीय ने आरोप लगाया कि अब तृणमूल सरकार सीएए के तहत नागरिकता लेने के इच्छुक हिंदू शरणार्थियों को डरा कर मतदाता सूची से उनका नाम हटवा रही है. उन्होंने बागदा (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र, बनगांव जिले के कुछ हिंदू शरणार्थियों को भेजे गये नोटिसों का हवाला देते हुए कहा कि दशकों से बंगाल में रह रहे मतुआ समुदाय के लोगों को वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है. भाजपा नेता ने कहा कि इस स्पष्ट है कि ममता बनर्जी पूरी तरह से मुस्लिम वोटों पर निर्भर हैं. 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले वह ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं को मतदाता सूची से बाहर करना चाहती हैं. वह मतुआ समुदाय से नफरत करती हैं, क्योंकि इस समुदाय ने हमेशा उनके खिलाफ मतदान किया है. उन्होंने कहा कि अगर बंगाल को बांग्लादेश बनने से बचाना है, तो 2026 में ममता बनर्जी को सत्ता से हटाना जरूरी है. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और हिंदू मतदाताओं से इस चुनाव को बंगाल बचाने की लड़ाई के रूप में देखने की अपील की.
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