कोलकाता. कसबा स्थित लॉ कॉलेज की एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में घटना की जांच और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सोमवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गयीं. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने इन याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है. पहली याचिका सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंघल ने दायर की है. उन्होंने न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच के समक्ष इस संवेदनशील मामले को उठाया. हाइकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका दायर करने की अनुमति दे दी. इसके अलावा, अधिवक्ता सौम्यशुभ्र रॉय ने भी कसबा कांड को लेकर जनहित याचिका दायर करने की अनुमति मांगी थी. इसके साथ ही अधिवक्ता सायन डे ने भी हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. डिविजन बेंच ने इन याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है. इन पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है. याचिकाकर्ताओं ने घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि चूंकि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा की राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के साथ निकटता है, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआइ को हस्तांतरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही याचिका में राज्य सरकार को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने का निर्देश देने की भी मांग की. याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल में छात्राओं की सुरक्षा के लिए सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में वूमेन सिविक वॉलंटियर भी तैनात करने का आदेश देने का अनुरोध किया.
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