कोलकाता. गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) क्षेत्र में शिक्षकों की नियुक्ति में कोई अनियमितता नहीं हुई. ऐसी ही जानकारी सीआइडी ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट में दी है. वहीं, जीटीए ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 313 शिक्षकों में से केवल 14 ने अभी तक अपना प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है. बाकी सभी प्रशिक्षित हैं. सीआइडी जांच रिपोर्ट देखने के बाद न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने कहा कि सीआइडी ने जिम्मेदारीपूर्ण जांच की है. अदालत ने जीटीए को 16 जून तक उच्च न्यायालय को यह बताने का आदेश दिया कि वह उन 14 कार्यरत शिक्षकों के लिए क्या कदम उठा रहा है, जिनके पास प्रशिक्षण नहीं है. वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट बंधु ने अदालत में बताया कि कोर्ट को इस नियुक्ति की सीबीआइ जांच का आदेश देना चाहिए. जवाब में राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि अदालत को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए. उसे यह तय नहीं करना चाहिए कि कौन-सी एजेंसी जांच करेगी. बुधवार की सुनवाई के दौरान, नौकरी से वंचित अभ्यर्थियों की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने अदालत से अनुरोध किया कि वह इस बात पर विचार करे कि क्या जांच एजेंसी बदली जा सकती है. दूसरी ओर, सीबीआइ की ओर से वकील धीरज त्रिवेदी ने कहा कि यदि अदालत आदेश देती है तो वे नए सिरे से जांच करने के लिए तैयार हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की गयी है.
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